Monday, January 12, 2009
शेखावत के चुनाव लडने की मंशा से राजस्थान भाजपा में हडकम्प
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत द्वारा स्वास्थ्य ठीक रहने और जनता के चाहने पर लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करने तथा पूर्व भाजपा सरकार पर 22 हजार करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप की जांच की मांग करने से राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान कहा कि शेखावत के सक्रिय राजनीति में आने का संकेत देने तथा पूर्व वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में 22 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप की जांच की मांग से भारतीय जनता पार्टी में हायतौबा मच गई है।उन्होंने कहा कि बाबोसा (भैरोंसिंह शेखावत) द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत देकर तथा कांग्रेस द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए करीब 22 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप की जांच के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखने से भाजपा में धुकधुकी मच गई है।कांग्रेस विधायक डा. रघु शर्मा ने कहा कि शेखावत द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में 22 हजार करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप की जांच की मांग से भाजपा विचलित है। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों द्वारा पूर्व उप राष्ट्रपति की मांग का समर्थन करने पर प्रतिपक्षी भाजपा ने बेवजह हंगामा और शोरशराबा कर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचार नहीं हुआ है तो भाजपा को इससे घबराना नहीं चाहिए, लेकिन उनका मौजूदा व्यवहार और कुछ कह रहा है।डा. शर्मा ने कहा कि प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे खुद सदन की सदस्य हैं। ऐसे में उन्हें सदन में इसका जवाब देना चाहिए था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष सदन में चुप रही। अशोक गहलोत सरकार को विश्वास मत के दौरान समर्थन देने वाली बसपा के राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि शेखावत द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए 22 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप की जांच के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखना मामूली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सालों तक भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे पूर्व उपराष्ट्रपति द्वारा इस प्रकार की मांग को हल्केपन से नहीं लेना चाहिए। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के विधायक राम स्वरूप कसाना का कहना है कि शेखावत द्वारा की गई किसी मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा विशेष तौर से पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे ने यदि कोई घोटाला नहीं किया है तो उन्हें स्वयं सामने आकर जांच की मांग करनी चाहिए और इन आरोपों का जवाब देना चाहिए था। वसुंधरा राजे सरकार में कबीना मंत्री रहे और मौजूदा विधायक राजेंद्र राठौड़ ने शेखावत की घोषणा पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने वसुंधरा राजे सरकार पर 22 हजार करोड़ के घोटाले का मामला विधानसभा में बिना पूर्व नोटिस दिए उठाने पर ऐतराज किया। राठौड़ ने कहा कि विधानसभा सदस्य को हर मामला उठाने की स्वंतत्रता है, लेकिन मामले सदन की परंपरा और नियमों के तहत उठाए जाने चाहिए। सदन के सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने से पूर्व संबंधित सदस्य को नोटिस भी दिया जाना चाहिए जिसकी पूरी तरह से अवहेलना की गई।
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