बिहार में समय पूर्व चुनाव की संभावनाओं के बीच कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने जात-पात की और धर्म की राजनीति पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि युवा और महिलाएं देश का भविष्य हैं और यही बिहार में कांग्रेस को वापस लाएंगे। बिहार का दो दिन का दौरा शुरू करते हुए राहुल ने उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी कांग्रेस की वापसी के लिए जोरदार अभियान शुरू कर दिया है। बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू में विभाजन के आसार के बीच राहुल का दौरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती बन गया। दरभंगा में राहुल के कार्यक्रम में कुछ लोगों ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की। ये लोग राहुल से महाराष्ट्र में बिहारियों के खिलाफ शिवसेना और एमएनएस की नफरत भरी मुहिम पर सवाल कर रहे थे। राहुल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जो लोग नफरत फैलाते हैं, वह नहीं जानते कि देश की एकता लोगों की एकता से जुड़ी हुई है।
राहुल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकरे के लोग मुंबई से बिहारियों को भगा रहे हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि मुंबई में जब आतंकवादी हमला हुआ तो एनएसजी में शामिल बिहार, यूपी और पूरे देश के जवानों ने ही उन आतंकवादियों से लोहा लिया था। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल के कार्यक्रम में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश विपक्ष के लोगों ने की। राहुल ने यहां बोधगया में दलित युवाओं का सम्मेलन करके संकेत दिए कि वे कांग्रेस के पुराने जनाधार दलित, मुस्लिम और सवर्ण को वापस पार्टी की तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार 4-5 महीने पहले, अप्रैल-मई में चुनाव करवा सकते हैं। राहुल ने कांग्रेसियों को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने खास तौर से यूथ कांग्रेस के लोगों से कहा कि उन्हें बिहार में कांग्रेस को वापस लाने के लिए जनता के मुद्दों पर संघर्ष करना होगा। उन्होंने कांग्रेसियों को खुद को बदलने की और जनता से जोड़ने की बात कहते हुए कहा कि पार्टी भी खुद को बदल रही है। पहले जमीन पर काम करने वाले को टिकट नहीं मिल पाता था। उम्मीदवार पैराशूट से उतर जाते थे। जिसके रिश्तेदार होते थे वह पार्टी संगठन में पद और चुनाव में उम्मीदवारी पाने में कामयाब हो जाता था। उन्होंने कहा कि हमने यूथ कांग्रेस के संगठन के दरवाजे सामान्य युवा के लिए खोले और अब राजनीति से चुनाव लड़ने में भी उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। राहुल ने साफ कहा कि जो काम करेगा, वह आगे जाएगा। यूथ कांग्रेस के इंचार्ज महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि संगठन में मनोनयन पूरी तरह बंद किया जाएगा। संगठन के चुनाव पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से करवाए जा रहे हैं। राहुल ने दलित युवाओं से पूछा कि वे 40 साल से कम के 5 दलित नेताओं के नाम बताएं। कोई जवाब न मिलने पर राहुल ने कहा कि किसी भी पार्टी से कमजोर वर्ग के दलितों के युवाओं को आगे बढ़ने के मौके नहीं मिल रहे हैं। हम जात-पात और धर्म की राजनीति के खिलाफ हैं। लेकिन, समाज के जिस वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, उसे देने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने युवाओं से बिहार में कांग्रेस के कमजोर होने के कारण पूछे और कहा कि कमियों को दूर करके अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।
राहुल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकरे के लोग मुंबई से बिहारियों को भगा रहे हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि मुंबई में जब आतंकवादी हमला हुआ तो एनएसजी में शामिल बिहार, यूपी और पूरे देश के जवानों ने ही उन आतंकवादियों से लोहा लिया था। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल के कार्यक्रम में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश विपक्ष के लोगों ने की। राहुल ने यहां बोधगया में दलित युवाओं का सम्मेलन करके संकेत दिए कि वे कांग्रेस के पुराने जनाधार दलित, मुस्लिम और सवर्ण को वापस पार्टी की तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार 4-5 महीने पहले, अप्रैल-मई में चुनाव करवा सकते हैं। राहुल ने कांग्रेसियों को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने खास तौर से यूथ कांग्रेस के लोगों से कहा कि उन्हें बिहार में कांग्रेस को वापस लाने के लिए जनता के मुद्दों पर संघर्ष करना होगा। उन्होंने कांग्रेसियों को खुद को बदलने की और जनता से जोड़ने की बात कहते हुए कहा कि पार्टी भी खुद को बदल रही है। पहले जमीन पर काम करने वाले को टिकट नहीं मिल पाता था। उम्मीदवार पैराशूट से उतर जाते थे। जिसके रिश्तेदार होते थे वह पार्टी संगठन में पद और चुनाव में उम्मीदवारी पाने में कामयाब हो जाता था। उन्होंने कहा कि हमने यूथ कांग्रेस के संगठन के दरवाजे सामान्य युवा के लिए खोले और अब राजनीति से चुनाव लड़ने में भी उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। राहुल ने साफ कहा कि जो काम करेगा, वह आगे जाएगा। यूथ कांग्रेस के इंचार्ज महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि संगठन में मनोनयन पूरी तरह बंद किया जाएगा। संगठन के चुनाव पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से करवाए जा रहे हैं। राहुल ने दलित युवाओं से पूछा कि वे 40 साल से कम के 5 दलित नेताओं के नाम बताएं। कोई जवाब न मिलने पर राहुल ने कहा कि किसी भी पार्टी से कमजोर वर्ग के दलितों के युवाओं को आगे बढ़ने के मौके नहीं मिल रहे हैं। हम जात-पात और धर्म की राजनीति के खिलाफ हैं। लेकिन, समाज के जिस वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, उसे देने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने युवाओं से बिहार में कांग्रेस के कमजोर होने के कारण पूछे और कहा कि कमियों को दूर करके अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।
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