Tuesday, December 16, 2008

जांच एजेंसी को कानूनी अधिकार देने की मांग की उपेक्षा

भारतीय जनता पार्टी ने आतंकवाद से लड़ने के लिये संसद में आज पेश राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक को समर्थन देने की घोषणा की लेकिन कहा कि जांच एजेंसी को जो कानूनी अधिकार देने की पार्टी मांग करती रही है उसकी लगभग उपेक्षा की गई है।भाजपा महासचिव अरूण जेटली ने कहा कि पार्टी ने सरसरी तौर पर विधेयक को देखा जिसके अनुसार जमानत के प्रावधान थोड़े कड़े जरूर किये गये हैं लेकिन पुलिस के समक्ष की गई स्वीकारोक्तियां अदालत में सबूत के तौर पर नहीं मानी जाएगी।उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब ने पुलिस के सामने जो बयान दे रहा हैं वे नये कानून के तहत अदालत में सबूत नहीं माने जाएंगे। इसके अलावा किसी अन्य तरीके से उसे आतंकवादी साबित करना बहुत मुश्किल है।उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया हैं कि नये केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और कड़े कानून के पक्ष में थे लेकिन सहयोगी दलों के मंत्रियों के साथ सहमति नहीं बन पाने के कारण कांग्रेस ने उसे मान लिया। एक राष्ट्रवादी दल होने के नाते कांग्रेस से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।

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