Saturday, December 13, 2008

हारे मगर सीपी जोशी में आत्म विश्वास बरकरार

विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान से मात्र एक वोट से परास्त होने के बावजूद भी कर्म में विश्वास रखने वाले कांगेस प्रत्याशी डॉ.सी.पी.जोशी आत्म विश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं।डॉ.जोशी ने बड़े आत्म विश्वास से लबरेज होकर कहा कि राजनीति में हार या जीत तो चलती रहती है, व्यक्ति को आने वाले कल को देखते हुए निरन्तर अपने कर्म में लगा रहना चाहिये तथा अपने मन में जन सेवा की भावना रखनी चाहिये। हालांकि यह माना जा रहा है कि जोशी के मन में यह टीस जरूर होगी कि नाथद्वारा क्षेत्र में अपार विकास कार्य करवाने के बावजूद भी मात्र एक मत से हार का सामना कैसे करना पड़ा है। इस बीच नगर में आम चर्चा है कि जोशी की एक मत से हार की स्थिति को लेकर यह सिद्ध हो गया है कि नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जीतने के लिये विकास कार्य का कोई आधार नहीं है। उधर राज्य में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने को लेकर प्रदेश के अधिकांश उत्साह का माहौल बना हुआ है वहीं नाथद्वारा क्षेत्र में उत्साह की लहर बिल्कुल नजर नहीं आ रही है बल्कि डॉ. जोशी के मुख्यमंत्री नहीं बनने से मायूसी छायी हुई है ।इसमें कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्र के विकास की सोच रखने वाले भाजपाई भी शामिल है। इस बीच एक भाजपा नेता ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर राजनीति भावना से उपर अपनी सोच रखते हुए बताया कि अगर डॉ. जोशी को मुख्यमंत्री का पद मिलता तो निश्चित रूप से विकास को लेकर नाथद्वारा क्षेत्र की तस्वीर बदल जाती जिसका लाभ वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को मिलता। इस बीच चुनाव परिणाम के बाद डॉ. जोशी जयपुर से पहली बार रविवार को अपने गृह क्षेत्र में पहुंच कर कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे।इस दौरान कुछ इंका नेता ऐसे भी जोशी से मिलने पहुंचेंगे जिनके क्षेत्र में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है, तथा कुछ ऐसे भी होंगे जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान को फायदा पहुंचाया। निष्ठावान कांग्रेसजनों का मानना है कि ऐसे लोगों का कांगेस में कोई स्थान नहीं होना चाहिये। कार्यकर्ताओं का तर्क है कि प्रदेश में कांग्रेस की लहर के बावजूद विकास पुरूष माने जान वाले डॉ. जोशी के एक मत से हराने के कारणों को लेकर कांग्रेस पार्टी को चिन्तन, मनन व मंथन करने की आवश्यकता है।बहरहाल राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि इस चुनाव के परिणाम को गंभीरता से लेते हुए डॉ. जोशी को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस हार का बदला ले सके।

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