Monday, December 8, 2008

गले नहीं उतर रहा कांग्रेस अध्यक्ष सीपी जोशी का एक वोट से हारना

राजनीति के धुरन्धर खिलाड़ी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी की केवल एक वोट से हार से जहां उनके समर्थक व कांग्रेस कार्यकर्ता सकते में है वहीं नाथद्वारा वासियों को भी इस हार का काफी रंज है।कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा संभावित मुख्यमंत्री माने जा रहे डॉ. जोशी की एक वोट से शिकस्त ने कईयों को मायूस कर दिया है।जोशी ईवीएम में बंद जनादेश में तो बाजी मार गये लेकिन डाक मतपत्रों ने यह गणित उलट दी। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सी.पी. जोशी के मतगणना अभिकर्ता महेश पालीवाल ने बताया कि डॉ. जोशी को 122 डाकमत पत्र मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान को 217 मत पत्र मिले। पालीवाल ने बताया कि 95 डाक मत पत्रों की बढ़त के आधार पर चौहान ने जीत हासिल की। चुनाव परिणाम आने के बाद नगर में चर्चा रही कि अगर डॉ. जोशी चुनाव जीतते तो मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार रहते ।मोहनलाल सुखाडिया के बाद प्रदेश का नेतृत्व करने का इस चुनाव में नाथद्वारा को सुअवसर मिला लेकिन एक वोट की गणित ने पासा पलट दिया। इस सम्बन्ध में मतदान से वंचित रहे कई लोगों ने बताया कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते मतदाता सूची में उनके नाम नहीं होने से वो मतदान के अधिकार से वंचित रह गये वरना उनका एक वोट डॉ. जोशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधवा देता। नगर में चर्चा रही कि डॉ. जोशी मुख्यमंत्री बनते तो विकास को लेकर नाथद्वारा की तस्वीर बदल जाती।मतदान से चूके कुछ लोगों को भी इस बात का मलाल रहा कि काश वे लोकतंत्र के इस यज्ञ में अपनी आहुति डाल देते तो नाथद्वारा की तकदीर ही बदल जाती।

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