Thursday, December 18, 2008

विधानसभा में हारे सुरेन्द्र सिंह राठौड अपने सपने लोकसभा चुनाव जीतने के देख रहे है

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने से भाजपा के लिए और राजसमंद जिले की चार में से तीन सीटों और शेष सभी चार सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित होने से कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में राजसमन्द की सीट जीतना टेढी खीर है।करीब तीन माह उपरांत प्रस्तावित लोक सभा चुनाव के मद्देनजर राजसमंद लोकसभा सीट पर शुरु हो चुकी चर्चाओं में भाजपा की और से पूर्व जल संसाधन राज्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम राजनैतिक गलियारें में तेजी से उभर रहा है जबकि नाथद्वारा से डॉ. सी.पी. जोशी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जैसे कद्दावर नेता की हार के बाद कांग्रेस की ओर से बहरहाल किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आ रहा है। उदयपुर राजसमंद लोकसभा सीट पर पिछली बार चुनाव लड़ी कांग्रेस व भाजपा दोनों महिला नैत्रियां इस सीट की चुनावी राजनीति से फिलहाल मुक्त है। वर्तमान सांसद किरण माहेश्वरी भाजपा उम्मीदवार के रूप में राजसमंद जिला मुख्यालय की सीट पर विधायक चुनी जा चुकी है। वैसे लोकसभा का कार्यकाल चार माह बाद समाप्त होने जा रहा है। इसी तरह गत चुनाव में यह सीट खो चुकी डॉ. गिरिजा व्यास इस सीट पर सात भाजपा विधायकों के होते हुए कांग्रेस की ओर से पुन: खड़ी होने का साहस नहीं करेगी। डॉ. व्यास अपनी लोकसभा सीट की सम्भावना चित्तौड़गढ़ जिले में तलाश रही है। यहां जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं ऐसी स्थिति में डॉ. व्यास राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना स्वीकार नहीं करेंगी। राजसमंद सीट पर सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के नाम की चर्चा इसलिए चल पड़ी है। उदयपुर के साथ राजसमंद से भाजपा के सांसद रहे भानु कुमार शात्री और शांतिलाल चपलोत चुनावी राजनीति से अलग होकर पार्टी संगठन का काम कर रहे है। गुलाबचन्द कटारिया व किरण माहेश्वरी जैसे भाजपा के कद्दावर नेता अभी के चुनाव में विधायक चुने जा चुके है। भाजपा यदि राजसमंद के अलावा अन्य जिलों से उम्मीदवार तय करती है तो पार्टी की जीत का समीकरण उलझ जाता है चूंकि राजसमंद जिले की सीमा से लगे पाली जिले की एकमात्र सीट जैतारण है तो अजमेर की एक सीट ब्यावर। नागौर जिले की दो सीटें मेड़ता और डेगाना है। सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के पक्ष में सबसे मजबूत तथ्य यह है कि उनके गृह जिले राजसमंद में ही चार में से तीन सीटें एक मुश्त भाजपा के कब्जे में है तथा शेष जैतारण, ब्यावर, मेड़ता और डेगाना की सीटों पर भी भाजपा ने ही अपना परचम लहराया है।भाजपा सरकार में राज्य मंत्री के रूप में सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने इन कृर्षि प्रधान क्षैत्रों की सिंचाई एवं जलसंसाधन योजनाओं को पूरी करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यहां के भाजपा विधायकों एवं कार्यकत्ताओं में राठौड़ की अच्छी पकड़ है। अभी हुए राज्य विधान सभा चुनाव के परिणामों में यहां भाजपा नाथद्वारा में 1 वोट से, राजसमंद जिला मुख्यालय में 5458, भीम देवगढ़ में 730, ब्यावर में 33533, जैतारण में 7903, मेड़ता में 24040 और डेगाना में 474 वोटों के अंतराल से कांग्रेस से आगे नजर आई। यह अन्तर 68665 वोटों का है जिसे मात्र 4 माह में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार के लिये पाटना आसान नहीं है।

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