Sunday, December 7, 2008

राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री दे रहे है बागियों को समर्थन

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री भवानी जोशी भाजपा के बागी उम्मीदवारों को लगातार अपना समर्थन देते रहे हैं तथा कुछ लोगों को टिकट दिए जाने के खिलाफ पार्टी पदाधिकारियों के विरूद्ध भाषण एवं प्रदर्शन आदि करते रहे हैं। यह बात मुख्य न्यायिक दंड नायक की अदालत में भवानी जोशी एवं उनके समर्थकों के विरूद्ध प्रस्तुत एक परिवाद में सामने आई है। इस परिवाद सहित अदालत में जोशी के विरूद्ध प्रस्तुत कुल पांच परिवादों पर कोतवाली पुलिस को मामले दर्ज कर जांच के आदेश दिये हैं। ये सभी परिवाद कुशलबाग पैलेस के गोपीराम अग्रवाल द्वारा अधिकारियों के राज्यमंत्री के प्रभाव और दबाव मे कार्यवाही नहीं करने पर अदालत में प्रस्तुत किये गये थे।राज्यमंत्री भवानी जोशी, गढी विधानसभा सीट से भाजपा के बागी उम्मीदवार कैलाश मीणा, रमेश पंचाल व हरबंसलाला के विरूद्घ पेश परिवाद में कहा गया है कि पिछली 13 नवम्बर की शाम आरोपी कई जीपों में अपने कई समर्थकों के साथ बैठ कर कुशलबाग पैलेस में राजजराजेश्वर मंदिर के पास उनकी निजी भूमि में आए तथा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए गढी से कैलाश मीणा को टिकिट नहीं देने के विरोध में भाजपा के जिलाध्यक्ष ओम पालीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरूद्घ नारेबाजी की। इसके बाद वे कार्यकर्ताओं के साथ कुशलबाग पैलेस के सामने ही स्थित भाजपा कार्यालय के समक्ष गए व वहां प्रदर्शन करने के बाद वापस पैदल कुशलबाग पैलेस में आए। इस तरह उन्होंने चुनाव कार्य के लिए मंदिर व उनकी निजी भूमि का अवैध रूपसे उपयोग किया व अनधिकृत प्रवेश किया। इन घटनाओं के साक्ष्य के तौर पर सीसी कैमेरे की रिकार्डिंग उपलब्ध हैं। इस घटना की सूचना उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को दी पर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। परिवाद मे कहा गया है कि इसके अलावा 20 नवम्बर को भैरवा अष्ठमी की शाम जोशी कार्यकर्ताओ के साथ आए व मंदिर में श्रद्घालुओं को भाजपा द्वारा उनके उम्मीदवारों की उपेक्षा के बारे में भाषण दिया व बागी उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की। इसी तरह की कार्यवाही जोशी ने 14 नवम्बर को भी श्रद्घालुओं के समक्ष की थी।परिवाद मे कहा गया है कि यह कृत्य रीप्रेन्टसेशन ऑफ पीपुल एक्ट एवं भादस के तहत दण्डनीय अपराध है। इस एक्ट के तहत धर्म स्थलों का उपयोग राजनीतिक व चुनावी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता। इस पर अदालत ने कोतवाली पुलिस को मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिये हैं।इसह तरह एक परिवाद में 5 दिसम्बर, 07 को इनोवा कार में एक कपडा बंधी मटकी लेकर आने व राजराजेश्वर मंदिर में सांप छोड देने, फिर सांप के चले जाने पर प्रार्थी पर सांप को मार देने का आरोप लगा उसके विरूद्घ लोगों की धार्मिक भावनाऐं भडकाने के आरोप भवानी जोशी, कमल शर्मा, प्रेमकांत मेहता आदि आठ जनों के विरूद्घ लागते हुए अदालत से जांच की गुहार की गई है। इस मामले में भी मंत्रीजी के दबाव में अधिकारियों ने कार्यवाही नहीं की।एक अन्य परिवाद भवानी जोशी के विरूद्घ 31 जुलाई, 08 को उनकी भूमि में प्रवेश कर लोगों को फर्जी दस्तावेज दिखा सम्पत्ति सरकारी होने की बात कह भूमि को विवाद में डालने व धर्मिक भावनाऐं भडकाने के सम्बन्ध में है, जिस पर अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिये हैं।इसी तरह एक परिवाद में राज्यमंत्री के विरूद्घ जिला कलेक्टर की सरकारी फाईल में दो फर्जी कागज जालसाजीपूर्वक जोडने का आरोप लगाया गया है। यह कागजात राजघराने के भवानीप्रताप सिंह के नाम से मुख्यमंत्री सिंधिया को कुशलबाग पैलेस की सम्पत्ति अग्रवाल परिवार को नहीं बेचने के सम्बन्ध में हैं। आरोप है कि यह पत्र जोशी ने फर्जी तैयार कराया। कलेक्ट्री में इस पत्रावली के पृष्ठ संख्या 306 व 307 के बारे में प्रार्थी द्वारा कलेक्टर से सूचना चाही गई, जिसके जवाब में कहा गया है कि फाईल में लगे उन कागजों पर कोई सेक्शन दर्ज नहीं है, इस लिये यह बताया जाना सम्भव नहीं है कि उक्त पत्र किसने, कब व किसके समक्ष प्रस्तुत किये। मतलब कि जिला कलेक्टर की फाईल में कोई पत्र कब कैसे लगा व कहां से आया, यह खुद उन्हें ही पता नहीं। उक्त दोनों पत्र अग्रवाल की सम्पत्ति को विवाद के डालने के लिए आमजन में भी वितरित किये गए थे। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि जिला कलेक्टर की सरकारी फाईल में उक्त दोनों पत्र उनकी जानकारी के बाहर जालसाजी पूर्वक जोशी द्वारा लगाए गए। इस परिवाद पर भी अदालत ने जोशी के विरूद्घ मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिये हैं

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