Thursday, July 16, 2009

अपमान के बाद भी हम तैयार’

भाजपा विधायक दल की नेता वसुंधरा राजे ने गतिरोध के लिए सत्तापक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान की जनता के हित में वे अपमान का घूंट पीकर भी सदन चलाने को तैयार हैं, लेकिन सत्तापक्ष उनसे बातचीत तो करे।

उन्हें इस मुददे का राजनीतिकरण नहीं करना है, क्योंकि राज्य की जनता के हितों का सवाल है। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वसुंधरा राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने भी 5 साल सदन चलाया है। जब-जब भी इस तरह के हालात बने हैं तब भी आगे से पहल करके कई-कई बार विपक्ष के साथ वार्ता करके मामले को सुलझाया है।

सदन के नेता और मुख्यमंत्री बातचीत करने को ही तैयार नहीं हैं। पिछले तीन दिन में सदन के नेता ने बस एक बार उनके साथ बमुश्किल 10 मिनट बात की है। सदन में जाकर भी उन्होंने केवल प्रश्न पूछने के अंदाज में ही कहा था कि अगर कोई आपकी पत्नी के बारे में ऐसा कहे तो कैसा लगेगा?

इस बात को मीडिया में इस तरह प्रचारित किया गया जैसे कि उन्होंने कोई आरोप लगाया हो। जबकि आरोप लगाने वालों को सत्तापक्ष माफ कर देना चाहता है। वसुंधरा ने कहा कि यदि आपत्तिजनक शब्दों को उसी दिन कार्यवाही से निकाल दिया जाता तो शायद बात इतनी नहीं बढ़ती। सत्तापक्ष ने मंगलवार को तो गतिरोध दूर करने के कुछ प्रयास किए थे, लेकिन बुधवार को वह भी नहीं किए। भाजपा के सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि विपक्ष सदन चलाने में सहयोग करना चाहता है। लेकिन सत्तापक्ष की शर्तो पर नहीं। सत्तापक्ष बार-बार अपनी बात कहकर उससे मुकर रहा है।

सत्तापक्ष की ओर से 5 सूत्री फामरूला विपक्ष को कतई नहीं दिया गया। गतिरोध को दूर करने के लिए उन्हें अध्यक्ष के माध्यम से बात करनी चाहिए। गाली-गलौज की भाषा न बोलेंगे और न बोलने देंगे : इससे पहले विधानसभा परिसर में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में यह तय किया गया कि सदन में गाली-गलौज की भाषा न तो विपक्ष बोलेगा और न ही किसी को बोलने देगा। नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि सत्तापक्ष की ओर से अशोभनीय टिप्पणियां नेता प्रतिपक्ष अथवा व्यक्ति विशेष पर नहीं बल्कि पार्टी, नेतृत्व और पूरे विधायक दल पर की गई हैं। हमें एकजुट होकर सदन में सत्तापक्ष का पुरजोर मुकाबला करना

No comments: