Thursday, July 2, 2009

तुमने राजघाट बनवाया, मैंने अपनी मूर्तियां...

स्मारकों और मूर्तियों पर खर्च को लेकर लगातार आलोचनाओं से यूपी की सीएम मायावती बौखला गई हैं। माया ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सलाह दी कि जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। मायावती ने चिदंबरम को अपने आरोप के टारगिट पर लेते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि रक्षा बजट कुछ कम कर देने से देश में हजारों स्कूल - कॉलिज खुल जाते। मायावती ने ऑम्बेडकर - कांशीराम पार्कों , स्मारकों व मूर्तियों के निर्माण पर हुए खर्च को नाममात्र बताते हुए कहा कि लखनऊ के ये सभी स्थल देश - विदेश के दलितों के लिए तीर्थस्थल से कम नहीं होंगे। दिल्ली में राजघाट स्थित समाधि स्थल पर जो भारी - भरकम रकम खर्च हुई है , उसके मुकाबले लखनऊ में कुछ भी खर्च नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इनकी टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर पब्लिसिटी की जाएगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में बने पार्क - स्मारकों और समाधि स्थलों पर अभी एंट्री फ्री है पर अगले छह माह बाद इससे होने वाली आय को मलिन बस्तियों और इसी तरह के दलित उत्थान कार्य में लगाया जाएगा। पर्यटन विभाग अब लखनऊ के नवनिर्मित पार्कों - स्मारकों एवं मूर्तियों को प्रचार अभियान में शामिल कर इस स्थल को दुनियाभर में पहचान दिलाएगा। पब्लिसिटी के तहत कई भाषाओं में दलित संतों - महात्माओं और राजपुरुषों की जीवनी इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के जरिए से दिखाई जाएगी।

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