उत्तर प्रदेश में व्याप्त विद्युत संकट और विकास की कथित अनदेखी के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की आलोचना के एक दिन बाद मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में बिजली की स्थिति पर एक 'श्वेत पत्र' जारी करते हुए बिजली संकट के साथ ही देश एवं प्रदेश के पिछड़ेपन एवं अन्य सभी समस्याओं के लिए पूर्ववर्ती सरकारों मुख्यत: कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।उत्तर प्रदेश में 'बिजली की दयनीय और खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार और दोषी कौन' शीर्षक से सात पृष्ठों का श्वेत पत्र जारी करते हुए मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि श्वेत पत्र में दिए आंकड़ों से यह साबित हो जाएगा कि प्रदेश में मौजूदा विद्युत संकट के लिए पूर्ववर्ती सरकारें ही जिम्मेदार रही हैं और उनमें से अधिकांश कांग्रेस की सरकारें ही थीं। मायावती ने कहा कि श्वेत पत्र से यह भी साबित हो जाएगा कि हमारे विरोधी दल किस तरीके से झूठ का सहारा लेकर हमारी सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं। प्रदेश में मौजूदा विद्युत संकट के लिए बहुत हद तक केन्द्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अपने सीमित संसाधनों में बसपा सरकार विद्युत संकट से निपटने में लगी है और विद्युत उत्पादन में बढ़ोत्तरी करके वर्ष 2014 तक प्रत्येक घर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समयबद्व लक्ष्य लेकर चल रही है। अमेठी के एक दिवसीय दौरे के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की इस टिप्पणी का संदर्भ लेते हुए कि बसपा सरकार का सारा ध्यान मूर्तियों एवं स्मारकों पर है और इसके एजेन्डे पर बिजली और विकास के लिए कोई जगह नहीं है पर मायावती ने देश एवं प्रदेश में व्याप्त सभी समस्याओं के लिए आजादी के बाद से अधिकांश समय तक केन्द्र और राज्य में सत्तारूढ़ रही कांग्रेस पाटी को जिम्मेदार ठहराया।कांग्रेस पर पूंजीपतियों का हितपोषी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने हमेशा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए समाज के हर वर्ग के गरीबों की उपेक्षा की और पूंजीपतियों के पैसे से गरीबों का वोट खरीद कर सत्ता में आती रही। चाहे दलित व पिछड़े हों, अल्पसंख्यक अथवा सवर्ण कांग्रेस ने सभी वर्गों के गरीबों के साथ धोखा किया है।
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