नई दिल्ली। सरकार ने गुरूवार को लोकसभा में ऎलान किया कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में कोई कमी नहीं की जाएगी।
इन नेताओं की सुरक्षा घटाने की खबरों पर संसद के दोनों सदनों में गुरूवार को भारी हंगामे से कार्रवाई ठप होने के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को लोकसभा में यह आश्वासन देना पडा। सदन के नेता मुखर्जी ने साफ किया कि इन नेताओं की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती , एसपी के मुखिया मुलायम सिंह , आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी आदि की सुरक्षा व्यवस्था में कटौती की जा रही है।
संसद के दोनों सदनों में इन दलों के सदस्यों ने अपने नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में कथित कटौती के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण लोकसभा की बैठक तीन बार और राज्यसभा की बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदस्यों के हंगामे के कारण गुरुवार को किसी भी सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्य मायावती की सुरक्षा में कटौती का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाने को कहा , लेकिन सदस्यों ने शोरशराबा और नारेबाजी जारी रखी। इस वजह से कुछ ही मिनट बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की बैठक साढ़े 11 बजे फिर शुरू होने पर सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने स्पष्टीकरण दिया कि अभी किसी नेता की सुरक्षा कम करने का फैसला नहीं किया गया है। मुखर्जी ने कहा कि गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने बताया है कि नेताओं तथा अन्य अति विशिष्ट लोगों को दी जाने वाली सुरक्षा की समय - समय पर समीक्षा करना नियमित प्रक्रिया है। लेकिन , फिलहाल जो समीक्षा की गई है उसकी रिपोर्ट अभी तक उन्हें नहीं मिली है। इसलिए किसी नेता की सुरक्षा में कटौती के फैसले का सवाल ही नहीं उठता है।
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