उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मायावती पर रायबरेली में बन रहे राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) के निर्माण में अनैतिक अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि मायावती अनावश्यक रूप से आरजीआईपीटी की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी करवाकर अवरोध उत्पन्न कर कर रही है, जिस कारण 95 एकड़ भूमि का संस्थान के नाम हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है।जोशी ने जोर देते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री मायावती लाखों रूपए केवल मूर्तियाें और पार्को में खर्च कर रही है। उन्हें राज्य के चहुंमुखी विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस विश्व स्तरीय संस्थान के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार द्वारा की जा रही देरी से यह बात स्पष्ट हो जाती है।उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) पिछले 18 महीने से भूमि अधिग्रहण में जानबूझकर देरी कर रहा था। यूपीएसआईडीसी भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण करने में पूरी तरह सक्षम है। लेकिन उसने अपने दायित्व का निर्वाह न करके मामले से खुद को दूर रखकर राज्य सरकार के पास भेज दिया।वर्तमान में आरजीआईपीटी ने अपना खुद का कोई भी निर्माण नहीं किया है। फिलहाल यह फिरोज गांधी पॉलिटेकनिक परिसर से संचालित होता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की तर्ज पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस संस्थान की स्थापना करने का फैसला किया है। शैक्षणिक सत्र 2008-09 से इसकी शुरूआत हो चुकी है।
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