उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रेल बजट 2009-10 में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें प्रदेश के महत्वपूर्ण उद्योग, धार्मिक स्थलों एवं परिवहन की दृष्टि से महतवपूर्ण क्षेत्रों की अनदेखी की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हालांकि रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री की समावेशी विकास की नीति का हवाला अपने बजट भाषण में तो दिया है लेकिन उनके प्रस्तावों मे गरीब और पिछड़े क्षेत्र के लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। उनके मुताबिक इसमें उत्तर प्रदेश के केवल नाम मात्र के लिए कुछ स्टेशनों को ही शामिल किया गया है। इस तरह आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य के साथ नाइंसाफी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में 50 रेलवे स्टेशनों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों के रूप मे विकसित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के केवल लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा कैंट और मथुरा जंक्शन को ही शामिल किया गया है, जबकि 10 लाख से अधिक आबादी वाले इलाहाबाद और मेरठ और प्रदेश के कई अन्य महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन जैसे गोरखपुर, फैजाबाद, बरेली, और आदि को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है, जो प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और रेलवे परिवहन के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।
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