Thursday, July 2, 2009

मोहल्ला सरकार बनेंगी

नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के पहले भाजपा सरकार एक नया फार्मूला आजमाने जा रही है। इसके तहत प्रदेश भर में मोहल्ला सरकार गठित होंगी। इसको मोहल्ला समितियों का नाम दिया गया है। ये समितियां प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों से लैस होंगी। जरूरत पड़ने पर ये निर्माण कार्य भी हाथ में ले सकेंगी। नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने मोहल्ला समितियों की घोषणा करते हुए इनके अधिकार व कत्तüव्य बताए। पत्रकारों से चर्चा करते गौर ने कहा कि इससे प्रत्येक नागरिक अपने मोहल्ले में विकास कार्यो से सीधे जुड़ेगा और सार्वजनिक निर्माण, पर्यवेक्षण, पर्यावरण, शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर नियंत्रण रखने के अलावा इस बारे में निर्णय भी ले सकेगा। ऎसे होगा गठनकिसी भी नगरीय निकाय के किसी भी भाग में निवास करने वाले कम से कम 100 परिवार मिलकर मोहल्ला समिति का गठन कर सकते हैं। समिति को संबंधित नगरीय निकाय से मान्यता मिलेगी। इसका कार्यकाल पांच वर्ष होगा। इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष होंगे जिनका निर्वाचन चयन द्वारा होगा। एक सचिव भी होगा। संबंधित वार्ड का पार्षद समिति का सदस्य एवं संरक्षक होगा। आय के स्त्रोतसमिति केन्द्र, राज्य सरकार तथा नगरीय निकाय से निधि प्राप्त कर सकेगी और मोहल्लावासियों से निधि अंशदान के रूप में एकत्रित कर सकेंगी। समितियां नगरीय निकाय से किए गए करार (एमओयू) के अनुरूप करों का संग्रहण, स्थल जुर्माना आदि का काम करेंगी। वे निकाय की ओर से किसी एजेंसी के रूप में सिविल व अन्य कार्य हाथ में लेने में भी सक्षम होंगी।समिति का अमलासमितियां नगरीय निकाय से सेवा के लिए कर्मचारी मांग सकेंगी। इनका पर्यवेक्षण, नियंत्रण समितियों के पास होगा। समितियां अपने कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी नगरीय निकाय से कर सकेंगी। कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रियाभोपाल। मोहल्ला समितियों के गठन पर सरकार को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार इन समितियों को वित्तीय अधिकार इत्यादि देकर भाजपा कार्यकर्ताओं के खाने कमाने का एक नया जरिया शुरू कर रही है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र 6 जुलाई से शुरू हो रहा है, लेकिन सरकार ने सदन में चर्चा कराए जल्दबाजी में ऎसा निर्णय क्यों लिया समझ से परे है। उन्होंने सवाल उठाया कि समितियों को मोहल्ले में सिविल कार्य के अधिकार कैसे दिए जा सकते हैं।

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