गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बारामूला में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) को पुलिस ड्यूटी से हटाए जाने को उचित बताया है। उनका कहना है कि हमारा शुरू से ही यह मत है कि राज्य पुलिस को अपनी मुख्य भूमिका निभानी चाहिए। केंद्रीय सुरक्षा बल उसकी मदद के लिए है और उन्हें वही भूमिका निभानी चाहिए। दुबारा गृहमंत्री बनने के बाद अपना पहला मासिक रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए चिदंबरम ने माना कि कश्मीर की हालत नाजुक है। उन्होंने बारामूला की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जो कदम उठाए है वे ठीक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में छोटी-छोटी बातों का बवंडर बना दिया जाता है। वहां लोग अलग-अलग उद्देश्य को लेकर काम कर रहे है। ऐसे हालात में बहुत ही सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बारामूला में सीआरपीएफ को पुलिस ड्यूटी से हटाने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। इसमें हम तो शुरू से ही इस बात के पक्षधर है कि केंद्रीय पुलिस बल राज्यों में सिर्फ सहयोगी की भूमिका निभाएं। मुख्य भूमिका राज्य पुलिस की ही रहे। सशस्त्र सेना विशेष अधिकार कानून की समीक्षा से जुड़े एक प्रश्न पर गृहमंत्री ने कहा कि हम समीक्षा कर रहे हैं। इस संबंध में अलग-अलग संगठनों और लोगों की राय और सिफारिशें गृह मंत्रालय को मिलती रही हैं। हम सभी पर विचार करेंगे। इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। समलैगिंकता कानून पर सरकार की स्थिति के बारे में गृहमंत्री का कहना था कि तीन मंत्रियों की समिति बनी है। वह इस बारे में विचार करेगी जहां तक गृह मंत्रालय द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे का सवाल है वह अपनी जगह है। लेकिन अब नई सरकार बनी है, नए मंत्री हैं। इसलिए उनकी राय अलग हो सकती है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय ने एक कार्य योजना तैयार की है।
No comments:
Post a Comment