नगर सुधार ट्रस्ट का चेयरमैन राजिंदर मोहन सिंह छीना को बनाने के विरोध में नवजोत सिंह सिद्धू ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भेजा है।
पार्टी हाईकमान द्वारा की गई किरकिरी से आहत नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कदम उठाया है। सिद्धू के इस्तीफे की पुष्टि उनके कार्यालय के इंचार्ज मणी ने भी की है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी इस्तीफे की खबर को स्वीकार किया है। सिद्धू ने इस्तीफे में लिखा है कि एक ऐसे कार्यकर्ता को चेयरमैन पद का सम्मान दिया गया, जिसने लोकसभा चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्र 34 हजार मतों से उन्हें हरा दिया। आम कार्यकर्ता जिसने पार्टी के लिए पसीना बहाया, उसकी अनदेखी की गई।
पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बहाल करना प्रत्येक नेता का कर्त्तव्य है। इस घटनाक्रम से वह आहत हैं, इसलिए वह अपने सांसद पद से इस्तीफा देते हैं।
इससे पूर्व छीना ने शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे नगर सुधार ट्रस्ट का कार्यभार संभाल लिया। लगभग जिला इकाई के सभी पदाधिकारियों ने छीना की ताजपोशी का बायकाट किया।
बताया जाता है कि सिद्धू और प्रदेश भाजपा हाईकमान में दूरियां उस समय बढ़नी शुरू हो गई जब नगर निगम चुनाव के बाद अमृतसर व जालंधर के मेयर के पद के लिए सिद्धू ने राजनीतिक टांग अड़ाई। मामला उस समय बिगड़ गया, जब अमृतसर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर भी प्रदेश हाईकमान व सिद्धू के बीच घमासान छिड़ा था। तब सिद्धू कर्नल अमरीक सिंह को अध्यक्ष बनाने में सफल रहे थे, लेकिन प्रदेश हाईकमान ने सिद्धू से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी थी। यह दूरी छीना की नियुक्ति तक एक ऐसी चौड़ी दीवार बन गई, जिसकी भरपाई करने में भाजपा राष्ट्रीय हाईकमान विफल रहा।
पार्टी हाईकमान द्वारा की गई किरकिरी से आहत नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कदम उठाया है। सिद्धू के इस्तीफे की पुष्टि उनके कार्यालय के इंचार्ज मणी ने भी की है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी इस्तीफे की खबर को स्वीकार किया है। सिद्धू ने इस्तीफे में लिखा है कि एक ऐसे कार्यकर्ता को चेयरमैन पद का सम्मान दिया गया, जिसने लोकसभा चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्र 34 हजार मतों से उन्हें हरा दिया। आम कार्यकर्ता जिसने पार्टी के लिए पसीना बहाया, उसकी अनदेखी की गई।
पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बहाल करना प्रत्येक नेता का कर्त्तव्य है। इस घटनाक्रम से वह आहत हैं, इसलिए वह अपने सांसद पद से इस्तीफा देते हैं।
इससे पूर्व छीना ने शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे नगर सुधार ट्रस्ट का कार्यभार संभाल लिया। लगभग जिला इकाई के सभी पदाधिकारियों ने छीना की ताजपोशी का बायकाट किया।
बताया जाता है कि सिद्धू और प्रदेश भाजपा हाईकमान में दूरियां उस समय बढ़नी शुरू हो गई जब नगर निगम चुनाव के बाद अमृतसर व जालंधर के मेयर के पद के लिए सिद्धू ने राजनीतिक टांग अड़ाई। मामला उस समय बिगड़ गया, जब अमृतसर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर भी प्रदेश हाईकमान व सिद्धू के बीच घमासान छिड़ा था। तब सिद्धू कर्नल अमरीक सिंह को अध्यक्ष बनाने में सफल रहे थे, लेकिन प्रदेश हाईकमान ने सिद्धू से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी थी। यह दूरी छीना की नियुक्ति तक एक ऐसी चौड़ी दीवार बन गई, जिसकी भरपाई करने में भाजपा राष्ट्रीय हाईकमान विफल रहा।
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