केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सलियों के खतरनाक इरादे को आंकने में हुई "चूक" के लिए खुद के साथ राज्य सरकारों को भी लपेट लिया है। सरकार का कहना है कि जिस दौरान इस चुनौती को कमतर देखा जा रहा था उस वक्त वह अपनी ताकत और प्रभाव बढ़ाने में जुटे थे। चिदम्बरम की मानें तो अब इस मसले पर नए सिरे से मशक्कत शुरू हो गई है। अगस्त में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की होने वाली बैठक में पुरानी रणनीति को धारदार करने के साथ नक्सलियों के इरादे को नेस्तनाबूद करने के नए उपाय भी खोजे जाएंगे। कार्य योजना में अब कोई भूल-चूक न होने पाए इसके लिए केन्द्र ने सैन्य सलाहकार नियुक्त किया है।बुधवार को राज्यसभा में नक्सली समस्या को लेकर केन्द्र सरकार पर सदस्यों ने ऎसा हमला बोला कि उसे बचाव की मुद्रा में आना पड़ा। अंतत: चिदम्बरम को मानना पड़ा कि पिछले कुछ सालों में नक्सलियों से निपटने के जो उपाय किए जाने चाहिए थे, वह नहीं हुए। उसका उन्होंने जो कारण बताया उसमें केन्द्र सरकार की ही गलती सामने आई।उन्होंने कहा कि सरकार वामपंथी और चरमपंथियों के खतरे को नहीं आंक पाई। हालांकि नक्सलवाद बढ़ने के पीछे केन्द्र की गलती मानने के साथ चिदम्बरम राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराने से नहीं चूके।वह बोले कि जब राज्य सरकारें विकास संबंधी जरूरत को नजरअंदाज करती हैं तब हताशा और अलगाव उत्पन्न होता है और इसके उदाहरण के तौर पर उन्होंने लालगढ़ और राजनांदगांव की घटना को पेश किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र ऎसी समस्या से निपटने के लिए दो उपायों के पक्ष में है। पहला पुलिस की कार्रवाई से नक्सलियों की पकड़ वाले इलाकों पर नियंत्रण किया जाए और इन इलाकों में विकास कार्यो को अंजाम देने के कार्यो में गति लाई जाए। चिदम्बरम ने बताया कि इसके लिए कुछ ऎसी योजनाएं बनाई जा रही हैं जिसे केन्द्रीय योजनाओं के साथ समेकित किया जाएगा।छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सलवा जुडूम आंदोलन को चिदम्बरम ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस समस्या से निपटने के लिए वह किसी भी गैर सरकारी तंत्र के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि इससे सरकार खुद निपटे। सदन में चिदम्बरम ने बताया कि देश के सामने चुनौती बने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नक्सली हिंसा प्रभावित उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त कार्ययोजना बनाई जा रही है।उन्होंने बताया कि अगस्त में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है जिसमें इस समस्या से निपटने के लिए नए सिरे से विचार-विमर्श किया जाएगा। चिदम्बरम ने बताया कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए कार्य योजना बनाने में सहायता के लिए केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने एक सैन्य सलाहकार की नियुक्त भी की है।
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