Saturday, July 25, 2009

राजस्थानी भाषा को संविधान में सम्मिलित की मांग की

सांसद प्रभा ठाकुर ने शुक्रवार को राज्यसभा में राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किए जाने की मांग की। उन्होंने विशेष उल्लेख में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि लंबे समय से संसद के दोनोे सदनों में यह मांग उठाई जाती रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने राजस्थानी और भोजपुरी भाषा को संवैधानिक स्वीकृति दिए जाने पर अपनी सहमति जताई थी तथा सबको उम्मीद थी कि इस बार यह मांग पूरी हो जाएगी किंतु निराशा की बात है कि अभी तक राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं मिल पाई है। भाषा के स्वरूप को लेकर उठाई जा रही निराधार आपत्तियों को महत्व देते हुए अनुसूचि में स्थान नहंीं दिया जा रहा है। राजस्थान में दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से राजस्थानी भाषा में समाचारों एवं कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। बढ़ते सांप व दवाओं की कमीसांसद अर्जुन सिंह मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में राजस्थान में बढ़ते सांपों व दवाई की कमी होने का मुद्दा उठाया। शून्यकाल में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वर्षा के साथ ही रेगिस्थानी इलाकों में धरती के अंदर रहने वाले सांप बाहर निकल आते हैं एवं सांपों द्वारा आदमी को काटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। उनके संसदीय क्षेत्र बीकानेर एवं आसपास के इलाकोे में सांप के काटने पर उपचार हेतु लगाए जाने वाले इंजेक्शनों की भारी कमी है साथ ही चिकित्सालय भी दूर-दूर स्थित हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में उपचार हेतु एंटी स्नेक विनोम इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं होते हैं। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से स्नेक बाईट के इंजेक्शन खरीदे जाएं तथा बीकानेर सहित राजस्थान के अन्य रगिस्तानी जिलों में तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।

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