लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने देश में द्विध्रुवीय राजनीति के लिए बीजेपी को श्रेय देते हुए स्वीकार किया कि जनता ने जनादेश में बीजेपी के बजाय कांग्रेस को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों ने दिखा दिया है कि वोटरों ने छोटे दलों को नकार कर सिर्फ बड़े दलों को स्वीकार किया है। केवल कांग्रेस और बीजेपी ही लोकसभा की 100 से अधिक सीटें जीत सकीं। बीजेपी की केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की 150 सीटों में कम ही उपस्थिति दर्ज है इसलिए लोगों ने बीजेपी की तुलना में कांग्रेस को अधिक पसंद किया। अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा की कार्यकारिणी बैठक में आडवाणी ने कहा कि बीजेपी समाज के सभी तबकों को समाहित कर देश की टॉप पार्टी बन सकती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के पिछले चुनावों में अपने राज्यों में मजबूत रहने वाली छोटी पार्टियां समझ रही थीं कि वे केंद्र में सरकार बना सकती हैं। लेकिन जनता ने उन्हें नकार कर केवल दो बड़ी पार्टियों को वोट दिए। बीजेपी की सबसे बड़ी उपलब्धि देश में द्विध्रुवीय राजनीति बनाना है। बीजेपी ने कांग्रेस का दबदबा खत्म कर दिया। इससे पहले चुनावी संघर्ष कांग्रेस बनाम छोटी पाटिर्यां हुआ करता था। आडवाणी का कहना था कि कुछ राजनीति दल कुछ वर्गों को वोट बैंक की तरह प्रयोग करते रहे हैं लेकिन बीजेपी उन्हें देश के विकास में शामिल करने में विश्वास करती है। किसी पार्टी विशेष का नाम लिए बगैर आडवाणी ने यहां तक कहा कि कुछ पार्टियां तो वोटों की खातिर डकैतों और लुटेरों का भी लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास का अर्थ है कि अनुसूचित जाति-जनजाति, ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को विकास के फल का स्वाद मिले। आज हर कोई देश के चहुंमुखी विकास की बात करता है लेकिन अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों की बड़ी जनसंख्या विकास की दौड़ में पीछे रह गई है, जिसे आगे बढ़ाए बगैर चहुंमुखी विकास के बारे में सोचा नहीं जा सकता।
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