मुंबई पर आतंकी हमले के आरोपी अजमल कसाब को आर्थर रोड जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री ने उससे जेल में मुलाकात की थी। यह जानकारी गृह विभाग से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों ने दी है। इनके मुताबिक, इस मंत्री ने पुलिस महकमे के आला अफसरों को इस बारे में सूचित किया था। कसाब से मुलाकात के दौरान मंत्री ने अपनी पहचान भी उससे छिपाई थी।
सूत्रों के अनुसार, जेल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने आए इस मंत्री ने कसाब को बताया था कि उसका देश पाकिस्तान उसे अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं है। यह सुनने के बाद कसाब के चेहरे पर चौंकाने वाले भाव थे।
अबू जिंदाल पर सस्पेंस
कसाब ने सोमवार को गुनाह कबूलते समय मुंबई हमले में एक भारतीय नागरिक अबू जिंदाल के शामिल होने का सनसनीखेज खुलासा किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त राकेश मारिया का कहना है कि पुलिस अब जिंदाल के बारे में पता लगा रही है कि आखिर यह शख्स है कौन? उन्होंने शक जाहिर किया कि हो सकता है कि अबू जिंदाल नाम किसी आतंकवादी का छद्म नाम हो। अदालत में दायर ११,२८क् पन्नों की चार्जशीट में जिंदाल के नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं है।
डेकोरेटर से डाकू , फिर आतंकी
अजमल कसाब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी के रूप में कुख्यात होने से पहले पाकिस्तान स्थित झेलम शहर में कुछ समय तक डेकोरेटर का काम किया था। कसाब ने अदालत को बताया कि वह डेकोरेटर के काम से होने वाली थोड़ी सी कमाई से नाखुश था। ऐसे में उसने अपने दोस्त मुजफ्फर के साथ मिलकर डकैती डालने का फैसला किया। कसाब के मुताबिक, फिर वह डेकोरेटर का काम छोड़कर मुजफ्फर के साथ रावलपिंडी आ गया। इसी दौरान वह मुजाहिदीनों के संपर्क में आया। बाद में मुजाहिदीनों ने उसे मुरीदके, मुजफ्फराबाद और मस्कर अक्सा में ट्रेनिंग के लिए भेजा।
सूत्रों के अनुसार, जेल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने आए इस मंत्री ने कसाब को बताया था कि उसका देश पाकिस्तान उसे अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं है। यह सुनने के बाद कसाब के चेहरे पर चौंकाने वाले भाव थे।
अबू जिंदाल पर सस्पेंस
कसाब ने सोमवार को गुनाह कबूलते समय मुंबई हमले में एक भारतीय नागरिक अबू जिंदाल के शामिल होने का सनसनीखेज खुलासा किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त राकेश मारिया का कहना है कि पुलिस अब जिंदाल के बारे में पता लगा रही है कि आखिर यह शख्स है कौन? उन्होंने शक जाहिर किया कि हो सकता है कि अबू जिंदाल नाम किसी आतंकवादी का छद्म नाम हो। अदालत में दायर ११,२८क् पन्नों की चार्जशीट में जिंदाल के नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं है।
डेकोरेटर से डाकू , फिर आतंकी
अजमल कसाब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी के रूप में कुख्यात होने से पहले पाकिस्तान स्थित झेलम शहर में कुछ समय तक डेकोरेटर का काम किया था। कसाब ने अदालत को बताया कि वह डेकोरेटर के काम से होने वाली थोड़ी सी कमाई से नाखुश था। ऐसे में उसने अपने दोस्त मुजफ्फर के साथ मिलकर डकैती डालने का फैसला किया। कसाब के मुताबिक, फिर वह डेकोरेटर का काम छोड़कर मुजफ्फर के साथ रावलपिंडी आ गया। इसी दौरान वह मुजाहिदीनों के संपर्क में आया। बाद में मुजाहिदीनों ने उसे मुरीदके, मुजफ्फराबाद और मस्कर अक्सा में ट्रेनिंग के लिए भेजा।
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