राजस्थान के ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह ने केन्द्र सरकार से प्रदेश में लगने वाले छह सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट इकाइयों के लिए कोयला ब्लॉक्स के आवंटन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह कोयला ब्लाक्स प्रदेश के निकटवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ के कोरबा माइन्स क्षेत्र में आवंटित किए जाने चाहिए।सिंह ने शुक्रवार को केन्द्रीय कोयला राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से उनके कार्यालय में भेंट कर प्रदेश के विभिन्न बिजली घरों के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में कोटा थर्मल पावर स्टेशन में मात्र तीन दिन का कोयला ही उपलब्ध है।कोयले की तत्काल आपूर्ति नहीं हुई तो बिजली घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश से भी भेंट की और प्रदेश के छबडा पावर प्लांट के लिए पर्यावरण सम्बंधी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। जितेन्द्र सिंह ने जायसवाल को बताया कि राज्य सरकार ने छबड़ा, सूरतगढ़ एवं बांसवाड़ा मे सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट लगाने का निर्णय किया है। तीनों स्टेशनों पर दो-दो पावर प्लांट इकाइयां लगेंगी। बांसवाड़ा में निजी क्षेत्र द्वारा दो और छबड़ा एवं सूरतगढ़ में राज्य सरकार द्वारा 600-660 मेगावाट की चार पावर प्लांट इकाइयां लगाने का प्रस्ताव है। सिंह ने जायसवाल से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ की कोरबा माइंस से राजस्थान को 50 प्रतिशत कोयला आपूर्ति के बजाए उ“ा गुणत्तायुक्त 90 प्रतिशत कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाए और ऎसी व्यवस्था की जाए कि प्रदेश के लिए कम से कम पंद्रह दिनों का रिजर्व हमेशा बना रहे। कोटा थर्मल पावर स्टेशन के लिए सालाना 60 लाख मीट्रिक टन, सूरतगढ़ के लिए 66 लाख मीट्रिक टन और छबड़ा के लिए 25 लाख मीट्रिक टन कोयला की आवश्यकता है। इस समय राजस्थान में कोटा 1240 मेगावाट और सूरतगढ़ में 1500 मेगावाट कोयला आधारित दो बिजली घर हैं।
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