राजग संयोजक शरद यादव ने कहा कि अभी संसद के लिए विपक्षी गठबन्धन की रणनीति तय नहीं हुई है लेकिन पेट्रो पदार्थो में की गई मूल्यवृद्धि ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ चुनावी लाभ के लिए पेट्रोल- डीजल के दाम घटाए गए थे। सहयोगी दलों से चर्चा के बाद देखेंगे कि इस मुद्दे को किस रूप में और कब उठाया जाए।सरकार की घेरेबंदी के लिए मुद्दे गिनाते शरद यादव ने कहा कि महंगाई, बेकारी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के अलावा शिक्षा क्षेत्र में प्रस्तावित सुधारों का मसला प्रमुखता से उठेगा। रेल बजट और आम बजट पेश होना है और उस पर चर्चा भी होगी। उस दौरान विपक्ष दमदार तरीके से अपना पक्ष रखकर सुनिश्चित करेगा कि सरकार आम आदमी के हितों की अनदेखी न कर पाए। मंगलवार को प्रधानमंत्री के सुपुर्द की गई लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट पर एटीआर बनाकर जल्द संसद में पेश करने का दबाव बनाए जाने की संभावना को खारिज करते राजग संयोजक ने कहा कि यह काल्पनिक सवाल है।अभी रिपोर्ट सिर्फ सरकार को सौंपी गई है, सार्वजनिक नहीं हुई है। जब तक इसका अध्ययन न कर लिया जाए कुछ भी कहना-सुनना बेमानी होगा। 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस मामले की जांच के लिए जस्टिस लिब्राहन की अध्यक्षता में गठित इस रिपोर्ट पर वरिष्ठ भाजपा सांसद और इसी मामले के एक आरोपी मुरली मनोहर जोशी ने भी समान रवैया अपनाया। नियमित प्रेस ब्रीफिंग करने भाजपा मुख्यालय पहुंचे जोशी से अत्यधिक विवादित मसले से जुड़ी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया के लिए पचासों सवाल पूछे गए परन्तु जोशी ने हर बार टका सा जवाब दिया कि बगैर इसे देखे वे कुछ नहीं कहेंगे। पहले सरकार इस पर कार्रवाई रिपोर्ट बनाएगी फिर संसद में पेश किया जाएगा। इसके बाद बहस होगी। तब जो भी कहना होगा, जमकर बोलेंगे। सरकार ने उन्हें और आडवाणी समेत अन्य भाजपा नेताओं को फंसाने के लिए ऎसे समय रिपोर्ट पेश कराई है जब विपक्ष चुनावी हार के बाद बेहद कमजोर स्थिति में हैक् इस पर मुस्कुराते हुए जोशी ने कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्षो को जानने के बाद ही तय किया जाएगा कि उन्हें फंसाने के लिए रिपोर्ट आई है या राम मंदिर मुद्दे को पुनजीर्वित करने के लिए।
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