Thursday, July 2, 2009

तेल पर ऎसी फिसलन कि सदन ठीक से नहीं चल पाए

संसद में गुरूवार को तेल पर ऎसी फिसलन रही कि दोनों सदन ठीक से नहीं चल पाए। विपक्ष के हंगामें में सत्ता सहयोगियों के साथ खड़े हो जाने से जहां लोकसभा को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा, वहीं विपक्ष ने राज्यसभा से बहिर्गमन कर अपना विरोध दर्ज कराया। सभी सदस्य मुल्यवृद्धि वापल लेने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे थे।लोकसभा में शिबू सोरेन के शपथ के बाद दो सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ सपा और वामपंथी सदस्य तेल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध में खड़े हो गए। उसमें भाजपा के शामिल होते ही सदन में हंगामा मच गया। करीब 11 बजकर 23 मिनट पर लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। करीब 17 मिनट बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर फिर शोरशराबा तेज हो गया। इसी दौरान आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद सदन को भोजनावकाश तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।दोपहर दो बजे सदन शुरू होते ही विपक्ष के आसन के पास पहुंचकर हंगामा करने के उत्पन्न व्यवधान के चलते लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर विपक्ष हमलावर रहा। भाजपा, सपा, वामदलों ने मिलकर सदन में आपनी बात रखने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन उसका असर होता नहीं देख सदन का बहिर्गमन कर उन्होंने विरोध दर्ज कराया।

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