Wednesday, April 21, 2010

बीजेपी गानों के जरिए बताएगी महंगाई का सच

में महंगाई के विरोध में संसद चलो रैली के बाद बीजेपी इस अभियान को जारी रखेगी। यह अभियान जारी रहेगा महंगाई की हकीकत खोलने वाले गानों की सीडी के जरिए। बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ ने महंगाई की सचाई को खोलते हुए गानों की सीडी तैयार की है। इन गानों में बताया गया है कि महंगाई की बढ़ने की वजह केंद सरकार बेशक उत्पादन में कमी, डिमांड में तेजी के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं। इकोनॉमी स्लो डाउन ने भी महंगाई बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, मगर सचाई एकदम इससे जुदा है।
बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ द्वारा बनाई गई इस सीडी में गानों के केंद सरकार के इन कारणों को मात्र बहाना बताया गया है। गानों में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने की प्रमुख वजह जमाखोरी, सत्ताधारी पक्ष के नेताओं का बाजार शक्तियों (व्यापारियों) को फायदा पहुंचाने के लिए बाजार में वस्तुओं की सप्लाई कम करने की छूट देना और नीतियां ऐसी बनाना, जिससे कृत्रिम डिमांड का हौव्वा बन गया। इससे कीमतें खुद बढ़ गई।
सीडी के गानों में यह भी कहा गया है कि यूपीए के विश्वविख्यात अर्थशास्त्री मंत्री वक्त रहते आयात और भंडारण कोटा कम करने जैसे कदम उठा लेते हैं तो कीमतों में रेकार्ड तोड़ तेजी नहीं आती। सीडी में सबसे अधिक फल, सब्जियों, दाल और आटे के दामों में तेजी के साथ चीनी के दाम में तेजी के कारणों को विस्तार से बखान किया गया है। गानों में कहा गया है कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यूपीए सरकार के मंत्रियों ने करोड़ों लोगों के मुंह से निवाला छीन लिया। यह यूपीए सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि देश में गरीब लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक अरुण सिंह ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि दिल्ली में महंगाई के खिलाफ रैली तो इस अभियान की शुरुआत है। हम चाहते हैं कि आम लोग महंगाई को लेकर जागरूक बने। उन्हें इस बात की सचाई का ज्ञान हो कि आखिर महंगाई क्यों बढ़ रही है। अरुण सिंह के अनुसार देश में अनाज या खाद्य उत्पादों की आंशिक किल्लत को माना जा सकता है कि मगर किल्लत इतना अधिक नहीं है कि आश्वयक वस्तुओं की कीमतें इतनी बढ़ जाए। उन्होंने कहा कि बाजार नीतियां कितनी लचर है कि इसका पता खाद्य वस्तुओं की थोक और रिटेल कीमतों को देखकर चलता है। आखिर सरकार क्या रही है। क्यों नहीं वे इस अंतर को कम करती।

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