Thursday, April 22, 2010

''मोदी के कारनामों को वसुंधरा उजागर करे''

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज आईपीएल आयुक्त ललित मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर प्रहार करते हुए कहा कि वसुंधरा राजे को सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में बने रहने के लिए प्रदेशहित में उन तथ्यों का खुलासा करना चाहिए जिसकी वजह से राजस्थान क्रिकेट संघ के तत्कालीन अध्यक्ष मोदी का समर्थन करने के लिए अधिकारियों पर बेजा दबाव डाला गया। उन्होंने कहा कि ऐसे कौन से कारण थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा को मोदी को क्रिकेट में स्थापित करने के लिए क्रिकेट कानून को बदलने का अध्यादेश लाकर कानून बनाना पड़ा और इन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी राजस्थान का पैसा कहां ले गए, इसका खुलासा वसुंधरा को करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा से उस दौरान यदि चूक हुई है तो उसे जनहित में मंजूर करना चाहिए। गहलोत ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के पते से दस्तावेजों के पंजीकरण किए गए। वरिष्ठ अधिकारियों को मोदी से मिलने के लिए जयपुर, दिल्ली, मुम्बई समेत देश के अन्य कई बड़े होटलों में मिलने के लिए भेजा गया। उन्होंने कहा कि हमने उसी समय वसुंधरा राजे को आगाह किया था लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। गहलोत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति माथुर आयोग का काम यदि आगे बढ़ता तो कई बातें सामने आती। वसुंधरा और मोदी ने उस वक्त क्या-क्या तमाशे किए हंै, पूरा प्रदेश, देश जानता है। उन्होंने कहा कि मोदी से मिलने के लिए वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं मंत्रियों को मोदी के कमरे के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश हित और स्वंय को राजनीतिक तथा सार्वजनिक जीवन में बने रहने के लिए उन बातों का खुलासा करना चाहिए जिसकी वजह से उन्होंने मोदी को भरपूर समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मोदी मुम्बई में बैठकर लेनदेन के हिसाब का मिलान करते थे, यदि कहीं कमी पाई जाती तो काम रोक दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के तत्कालीन नगरीय एवं स्वायत शासन मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी और राजस्थान आवासन मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष अजय पाल सिंह के मामले पूरे देश के सामने है जिनके निर्माण कार्य मोदी के इशारे पर रोक दिए गए और बाद में उन्हें फिर अनुमति दे दी गई। गहलोत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांगे्रस और मीडिया मोदी के तमाशों और अधिकारियों के साथ की जाने वाली अशोभनीय घटनाओं को लगातार सामने लेकर आता रहा, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनकी (मोदी की) हरकतों को रोकना पसंद नहीं किया। गहलोत ने जोर देकर कहा कि ये काम वसुंधरा राजे की शह के बिना संभव नहीं थे। उन्होंने कहा कि अब जब देश भर में आईपीएल आयुक्त मोदी को लेकर शोर मचा हुआ है, ऐसे समय में वसुंधरा राजे मौन क्यों हैं, उन्हें इस बात का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी चिन्ता है कि जिस सुनियोजित ढंग से मोदी के माध्यम से राजस्थान का पैसा बाहर गया, उसका खुलासा उन्हें करना चाहिए।

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