रसायन और उर्वरक मंत्री एम अलागिरी की संसद में लगातार गैर मौजूदगी को लेकर लेाकसभा में आज भाजपा समेत समूचे विपक्ष ने भारी आपत्ति जताई और इस मुद्दे को लेकर उनकी द्रमुक सदस्यों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। हालांकि सदन के नेता तथा वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहकर सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया कि मंत्री इस समय देश से बाहर हैं और इसलिए आज सदन में नहीं आए। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंत्री की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहंी लिया है। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैर हाजिर हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि यह ''गुमशुदा'' मंत्री कहां छुपे हैं।इससे पूर्व सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि संबंधित मंत्री देश से बाहर हैं और संसदीय नियमों के अनुसार मंत्री की गैर मौजूदगी में राज्य मंत्री जवाब देने के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल चलने दें और वे यह मामला बाद में भी उठा सकते हैं। सदन में आज प्रश्नकाल में अलागिरी के मंत्रालय से संबंधित प्रश्न पूछे जाने थे और उनके अनुपस्थित रहने पर भाजपा सहित अनेक दलों के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई।लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जब रसायन और उर्वरक मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न का अलागिरी के स्थान पर राज्य मंत्री जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा के वरिष्ठ सदस्य यशवंत सिन्हा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हीं की पार्टी के हरेन पांडया ने कहा कि मंत्री बिना आसन की अनुमति के सदन से गैर हाजिर हैं और यह आसन का अपमान है। निर्दलीय दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांसदों ने आज तक मंत्री का चेहरा तक नहीं देखा है इस पर स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य मंत्री को जवाब देने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए और प्रश्नकाल की समाप्ति तक इस मुद्दे को लेकर विपक्ष तथा द्रमुक सदस्यों के बीच नोंकझोंक होती रही।
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