बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चे सांसदों से मिलकर राइट टु एजुकेशन के सही तर ीके से कार्यान्वयन की पैरवी कर रहे हैं। उनकी इस मुहिम को बॉलिवुड स्टार्स का भी सपोर्ट मिल रहा है। 'वन गोल, एजुकेशन फॉर ऑल' नारे के साथ चलाई जा रही इस मुहिम का मकसद पॉलिसी मेकर्स को एजुकेशन सिस्टम की खामियों से रू-ब-रू कराना है। साथ ही, राइट टु एजुकेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
कई संगठनों के साथ मिलकर नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन ने यह पूरा हफ्ता (19- 25 अप्रैल) यानी ग्लोबल ऐक्शन वीक, राइट टु एजुकेशन के सही इंप्लिमेंटेशन के नाम किया है। इसके तहत एजुकेशन डिपार्टमेंट के राज्य और जिले स्तर के अधिकारियों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि वे उन स्कूलों में शिक्षा के स्तर के बारे में जान सकें। बच्चे सांसदों और विधायकों के पास जाकर उनसे शुरुआती शिक्षा का निजीकरण रोकने और एजुकेशन में जीडीपी का 6 फीसदी खर्च करने के लिए सहयोग मांग रहे हैं।
कुछ समय पहले तक बाल मजदूरी में फंसे 18 साल के कालू की सांस्कृतिक टोली जब नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार से मिली, तो सांसद ने कहा कि महज कानून बनाकर हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, इसके लिए और प्रयास करने होंगे। कालू ने नेताजी से पूछा कि अगर किसी बच्चे को कोई सरकारी स्कूल में दाखिल नहीं देता, तो वे किसके पास शिकायत लेकर जाएं? इस पर नेताजी ने भरोसा दिलाया कि हम संसद में मंत्री जी से यह सवाल पूछेंगे। 15 साल के कामिल के साथ उनकी टोली यूपी के सलेमपुर से सांसद रामशंकर राजभर से मिली। रामशंकर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को इस कानून का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है, तो अंशदान की राशि का अनुपात 85:15 ही रखना पड़ेगा क्योंकि राज्य सरकारों के पास इतना धन नहीं है कि वे इसे लागू कर पाएं।
बॉलिवुड स्टार डायना हेडन, अध्ययन सुमन, नीतू चंद्रा, सिंगर ऊषा उत्थप और लव आजकल फेम डायरेक्टर इम्तियाज अली भी 'वन गोल, एजुकेशन फॉर ऑल' मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं। इम्तियाज अली ने कहा कि देश के विकास के लिए शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है। इसलिए मैं इस मुहिम के साथ हूं। नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन के संयोजक रमाकांत राय ने कहा कि इस कैंपेन का मकसद हर नागरिक तक पहुंचना है। हर एक साइन का मतलब होगा कि वह बच्चों के अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
कई संगठनों के साथ मिलकर नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन ने यह पूरा हफ्ता (19- 25 अप्रैल) यानी ग्लोबल ऐक्शन वीक, राइट टु एजुकेशन के सही इंप्लिमेंटेशन के नाम किया है। इसके तहत एजुकेशन डिपार्टमेंट के राज्य और जिले स्तर के अधिकारियों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि वे उन स्कूलों में शिक्षा के स्तर के बारे में जान सकें। बच्चे सांसदों और विधायकों के पास जाकर उनसे शुरुआती शिक्षा का निजीकरण रोकने और एजुकेशन में जीडीपी का 6 फीसदी खर्च करने के लिए सहयोग मांग रहे हैं।
कुछ समय पहले तक बाल मजदूरी में फंसे 18 साल के कालू की सांस्कृतिक टोली जब नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार से मिली, तो सांसद ने कहा कि महज कानून बनाकर हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, इसके लिए और प्रयास करने होंगे। कालू ने नेताजी से पूछा कि अगर किसी बच्चे को कोई सरकारी स्कूल में दाखिल नहीं देता, तो वे किसके पास शिकायत लेकर जाएं? इस पर नेताजी ने भरोसा दिलाया कि हम संसद में मंत्री जी से यह सवाल पूछेंगे। 15 साल के कामिल के साथ उनकी टोली यूपी के सलेमपुर से सांसद रामशंकर राजभर से मिली। रामशंकर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को इस कानून का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है, तो अंशदान की राशि का अनुपात 85:15 ही रखना पड़ेगा क्योंकि राज्य सरकारों के पास इतना धन नहीं है कि वे इसे लागू कर पाएं।
बॉलिवुड स्टार डायना हेडन, अध्ययन सुमन, नीतू चंद्रा, सिंगर ऊषा उत्थप और लव आजकल फेम डायरेक्टर इम्तियाज अली भी 'वन गोल, एजुकेशन फॉर ऑल' मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं। इम्तियाज अली ने कहा कि देश के विकास के लिए शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है। इसलिए मैं इस मुहिम के साथ हूं। नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन के संयोजक रमाकांत राय ने कहा कि इस कैंपेन का मकसद हर नागरिक तक पहुंचना है। हर एक साइन का मतलब होगा कि वह बच्चों के अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
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