ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर पश्चिमी देशों की मुहिम के बीच भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया है कि यदि तेहरान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत अपनी जिम्मेदारियों के प्रति दृढ़ रहेगा, तो ऐसे में उस पर प्रतिबंध लगाना लाभकारी नहीं होगा। ईरान का परमाणु मुद्दा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच रविवार को ब्लेयर हाउस में हुई बातचीत के दौरान उठाया गया। विदेश सचिव निरुपमा राव ने दोनों नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि नेताओं के बीच चर्चा न्यूयॉर्क में जारी उस बातचीत के जिक्र के साथ शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ईरानी परमाणु मुद्दे से निपटने के लिए कोई प्रस्ताव पारित कर सकता है। राव ने कहा, "इसलिए ओबामा ने प्रधानमंत्री सिंह को उन चर्चाओं के बारे में बताया। हमारे प्रधामंत्री ने इस संदर्भ में भारत के रुख को बहुत स्पष्ट कर दिया।"राव ने कहा, "आप उस सच के बारे में जानते हैं कि हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि एनपीटी के सदस्य के नाते परमाणु मुद्दे पर ईरान को कुछ खास जिम्मेदारियां निभानी हैं।"प्रतिबंध के मुद्दे पर मनमोहन सिंह ने ओबामा से कहा कि प्रतिबंधों से चूंकि आम जनता प्रभावित होती है, लिहाजा इसका हमेशा प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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