विपक्ष को लगने लगा है कि मायावती सरकार यूपी असेंबली के चुनाव समय से पहले
करवा सकती हैं। इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बीएसपी के गढ़ आंबेडकरनगर से कांग्रेस यात्रा शुरू कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी भी साइकल रैली और विभिन्न सम्मेलनों में सक्रिय होती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष बदलने की कवायद में जुटी बीजेपी असेंबली इलेक्शन को ध्यान में रखकर ही गांवों से लेकर शहरों तक हस्ताक्षर अभियान चला रही है और 21 अप्रैल को दिल्ली में रैली करने जा रही है। यूपी में विधानसभा चुनाव 2012 में होने हैं। लेकिन एसपी के नैशनल प्रेजिडेंट मुलायम सिंह यादव व कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का मानना है कि यूपी में समय से पहले असेंबली के चुनाव हो सकते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को यूपी में हाथी और हाथ की सियासी जंग देखने को मिलेगी। इसका गवाह बनेगा जिला आंबेडकर नगर। राहुल गांधी यहां से दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए कांग्रेस यात्रा शुरू करेंगे। बीएसपी इस दिन यूपी भर में महिला आरक्षण बिल के स्वरूप के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों पर पर्दाफाश रैली करेगी। आंबेडकर नगर से मुख्यमंत्री मायावती खुद दो बार सांसद व एकबार विधायक रह चुकी हैं। कांग्रेस असेंबली चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूपी के दलितों व आम जनता को कांग्रेस से जोड़ने के लिए यात्रा शुरू कर रही है। जबकि बीएसपी का प्रदर्शन दलित वोट बैंक को बचाए रखने व कांग्रेसी अभियान को फीका करने के लिए होगा। चंद दिन पहले कांग्रेस को रैली के लिए जगह देने के मामले में यूपी सरकार से कांग्रेसियों में तनातनी चल रही थी और आंबेडकर नगर प्रशासन ने राहुल की रैली के लिए हवाईपट्टी के बगल में पुलिस रिपोर्ट की आड़ लेकर जगह देने से मना कर दिया था। इसे कांग्रेसियों ने मुद्दा बना लिया था। लेकिन यूपी सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रैली के लिए जगह दी। बीएसपी ने रैली के लिए पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों व संयोजकों को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के दौरान अधिक से अधिक भीड़ जमा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कांग्रेस भी राहुल की रैली को सफल बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इस जिले में दोनों पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर का नजारा अभी से दिखने लगा है। एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह चिलचिलाती गर्मी में चुनावी गर्मी की हवा मिलाने की तैयारी में हैं। वर्कर कॉन्फ्रेंस और साइकल रैली इसी कड़ी का अहम हिस्सा है। मोर्चा खुद मुलायम ने संभाला है। उनके दोनों पदाधिकारी भाई रामगोपाल यादव व शिवपाल सिंह यादव और सांसद पुत्र अखिलेश यादव इस काम में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस व रैली से दो संदेश दिए जा रहे हैं। पहला, यूपी में असेंबली इलेक्शन अगले साल हो सकते हैं और वर्कर तैयार रहें। दूसरा, पार्टी अब जमीन से जुड़े वर्करों को ही वरीयता देगी और गगन पर चलने वालों को एक-एक करके किनारे किया जा रहा है।
करवा सकती हैं। इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बीएसपी के गढ़ आंबेडकरनगर से कांग्रेस यात्रा शुरू कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी भी साइकल रैली और विभिन्न सम्मेलनों में सक्रिय होती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष बदलने की कवायद में जुटी बीजेपी असेंबली इलेक्शन को ध्यान में रखकर ही गांवों से लेकर शहरों तक हस्ताक्षर अभियान चला रही है और 21 अप्रैल को दिल्ली में रैली करने जा रही है। यूपी में विधानसभा चुनाव 2012 में होने हैं। लेकिन एसपी के नैशनल प्रेजिडेंट मुलायम सिंह यादव व कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का मानना है कि यूपी में समय से पहले असेंबली के चुनाव हो सकते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को यूपी में हाथी और हाथ की सियासी जंग देखने को मिलेगी। इसका गवाह बनेगा जिला आंबेडकर नगर। राहुल गांधी यहां से दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए कांग्रेस यात्रा शुरू करेंगे। बीएसपी इस दिन यूपी भर में महिला आरक्षण बिल के स्वरूप के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों पर पर्दाफाश रैली करेगी। आंबेडकर नगर से मुख्यमंत्री मायावती खुद दो बार सांसद व एकबार विधायक रह चुकी हैं। कांग्रेस असेंबली चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूपी के दलितों व आम जनता को कांग्रेस से जोड़ने के लिए यात्रा शुरू कर रही है। जबकि बीएसपी का प्रदर्शन दलित वोट बैंक को बचाए रखने व कांग्रेसी अभियान को फीका करने के लिए होगा। चंद दिन पहले कांग्रेस को रैली के लिए जगह देने के मामले में यूपी सरकार से कांग्रेसियों में तनातनी चल रही थी और आंबेडकर नगर प्रशासन ने राहुल की रैली के लिए हवाईपट्टी के बगल में पुलिस रिपोर्ट की आड़ लेकर जगह देने से मना कर दिया था। इसे कांग्रेसियों ने मुद्दा बना लिया था। लेकिन यूपी सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रैली के लिए जगह दी। बीएसपी ने रैली के लिए पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों व संयोजकों को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के दौरान अधिक से अधिक भीड़ जमा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कांग्रेस भी राहुल की रैली को सफल बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इस जिले में दोनों पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर का नजारा अभी से दिखने लगा है। एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह चिलचिलाती गर्मी में चुनावी गर्मी की हवा मिलाने की तैयारी में हैं। वर्कर कॉन्फ्रेंस और साइकल रैली इसी कड़ी का अहम हिस्सा है। मोर्चा खुद मुलायम ने संभाला है। उनके दोनों पदाधिकारी भाई रामगोपाल यादव व शिवपाल सिंह यादव और सांसद पुत्र अखिलेश यादव इस काम में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस व रैली से दो संदेश दिए जा रहे हैं। पहला, यूपी में असेंबली इलेक्शन अगले साल हो सकते हैं और वर्कर तैयार रहें। दूसरा, पार्टी अब जमीन से जुड़े वर्करों को ही वरीयता देगी और गगन पर चलने वालों को एक-एक करके किनारे किया जा रहा है।
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