सरकार महिला आरक्षण विधेयक को भले ही फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने के मूड में हो, लेकिन कांग्रेस की महिला इकाई इसके लिए तैयार नहीं है। इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार विधेयक को बजट सत्र में पेश करे। बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। जो हालात दिख रहे हैं उसमें विधेयक के फिलहाल पेश होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस विधेयक को लेकर दुविधा मे फंस गई है। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध कर रहे दलों ने कटौती प्रस्ताव में सरकार का साथ देकर एक प्रकार से सरकार पर इस विधेयक को पेश न करने का दबाव बना दिया था। बसपा, राजद और सपा जैसे दल इस विधेयक इसके मौजूदा स्वरूप में विरोध कर रहे हैं।
इन दलों की वजह से ही सरकार कटौती प्रस्ताव में जीत हासिल कर पाई थी। अब सरकार इन दलों को नाराज करने के मूड में नहीं है। ऎसे में इस विधेयक के फिलहाल ठंडे बस्ते में जाने की संभावनाएं बढ गई हैं। हालांकि महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधेयक को इसी सत्र में लोकसभा में लाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधेयक मौजूदा स्वरूप में ही पेश किया जाना चाहिए। जो दल विरोध कर रहे हैं वे अपने-अपने हिसाब से आरक्षण दे सकते हैं।
दरअसल कांग्रेस विधेयक को लेकर दुविधा मे फंस गई है। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध कर रहे दलों ने कटौती प्रस्ताव में सरकार का साथ देकर एक प्रकार से सरकार पर इस विधेयक को पेश न करने का दबाव बना दिया था। बसपा, राजद और सपा जैसे दल इस विधेयक इसके मौजूदा स्वरूप में विरोध कर रहे हैं।
इन दलों की वजह से ही सरकार कटौती प्रस्ताव में जीत हासिल कर पाई थी। अब सरकार इन दलों को नाराज करने के मूड में नहीं है। ऎसे में इस विधेयक के फिलहाल ठंडे बस्ते में जाने की संभावनाएं बढ गई हैं। हालांकि महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधेयक को इसी सत्र में लोकसभा में लाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधेयक मौजूदा स्वरूप में ही पेश किया जाना चाहिए। जो दल विरोध कर रहे हैं वे अपने-अपने हिसाब से आरक्षण दे सकते हैं।
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