Friday, December 18, 2009

अल्पसंख्यकों के लिए कोटे की सिफारिश

सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को 10 पर्सेंट रिजर्वेशन दिया जाए, ऐसी सिफारिश सरकार की ओर से नियुक्त एक आयोग ने की है। दूसरे अल्पसंख्यकों को 5 पर्सेंट रिजर्वेशन देने की बात कही गई है। आयोग के मुताबिक, सभी धर्मों के दलितों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए। धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को लोकसभा में रखी। इस आयोग के अध्यक्ष रंगनाथ मिश्र हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, शेड्यूल्ड कास्ट (एससी) का दर्जा धर्म से न जुड़ा रहे।
1950 के शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर को खत्म कर दिया जाए, जिसके तहत अब भी मुस्लिम, ईसाई, जैन और पारसी एससी के दायरे से बाहर हैं। शुरू में इस आदेश के तहत एससी का दर्जा सिर्फ हिंदुओं तक सीमित था, बाद में बौद्ध और सिख भी शामिल हो गए। आयोग का कहना है कि अगर 10 पर्सेंट सीटें मुसलमानों से न भर पाएं तो ये सीटें दूसरे अल्पसंख्यकों को दी जाएं। लेकिन किसी हालत में ये 15 पर्सेंट सीटें बहुसंख्यक समुदाय से किसी को न मिल पाएं। आयोग ने सलाह दी है कि अगर 15 पर्सेंट रिजर्वेशन की सिफारिशों को लागू करने में रुकावट आती है तो रिजर्वेशन का अल्टरनेट रूट अपनाया जा सकता है। चूंकि मंडल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्पसंख्यक ओबीसी आबादी का 8.4 पर्सेंट हैं लिहाजा 27 पर्सेंट ओबीसी कोटा में 8.4 पर्सेंट कोटा अल्पसंख्यकों के लिए रखा जा सकता है। इसमें 6 पर्सेंट मुसलमानों के लिए हो, क्योंकि कुल अल्पसंख्यकों की आबादी में मुसलमान 73 पर्सेंट हैं। बाकी 2.4 पर्सेंट कोटा अन्य अल्पसंख्यकों के लिए हो। हालांकि अनुसूचित जनजाति ऐसा वर्ग है, जिससे धर्म नहीं जुड़ा है। लेकिन यह देखा जाना चाहिए कि इसके रिजर्वेशन में अल्पसंख्यकों की मौजूदगी किस हद तक है और इसके लिए उपाय किए जाने चाहिए।

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