जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के प्रश्नकाल में बाधा पहुंचाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सांसद स्पीकर मीरा कुमार के आसन के सामने एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। वे 'महंगाई पर रोक लगाओ' और 'यह सरकार बदलनी है' के नारे लगा रहे थे। स्पीकर ने उनसे सदन की मर्यादा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों पर 26 नवंबर को चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद सांसदों ने हंगामा जारी रखा। जिस समय लेफ्ट पार्टियों और एसपी के सांसद बढ़ती महंगाई के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे, उसी समय टीडीपी के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए। उन्होंने हाथों में 'संयुक्त आंध्र प्रदेश' की तख्तियां उठा रखी थीं।
जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन में धरना भी दिया। संसद के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने वालों में एसपी नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, सीपीएम की नेता वृंदा करात और सीपीआई के गुरदास दासगुप्ता शामिल थे। नेताओं ने कहा कि वे संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेंगे। मुलायम ने कहा, 'हम यह मुद्दा सड़कों तक ले जाएंगे। हम सरकार को उसकी नीति बदलने के लिए विवश कर देंगे, नहीं तो इस जनविरोधी सरकार को बदल डालेंगे।' प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दायरा बढ़ाने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की। नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जरूरी वस्तुओं को पीडीएस के दायरे में रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाए।
जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन में धरना भी दिया। संसद के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने वालों में एसपी नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, सीपीएम की नेता वृंदा करात और सीपीआई के गुरदास दासगुप्ता शामिल थे। नेताओं ने कहा कि वे संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेंगे। मुलायम ने कहा, 'हम यह मुद्दा सड़कों तक ले जाएंगे। हम सरकार को उसकी नीति बदलने के लिए विवश कर देंगे, नहीं तो इस जनविरोधी सरकार को बदल डालेंगे।' प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दायरा बढ़ाने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की। नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जरूरी वस्तुओं को पीडीएस के दायरे में रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाए।
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