नई दिल्लीलोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सोमवार को प्रश्न पूछने वाले करीब 34 सांसदों की गैर मौजूदगी के कारण सदन को स्थगित करना पड़ा। करीब दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रश्न पूछने वाले इतने ज्यादा सांसद बिना बताए गैर हाजिर रहे। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने जहां इसे गंभीर मुद्दा बताया वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के गैर हाजिर सदस्यों से सफाई मांगी है।
सांसदों के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये से आहत कुमार ने पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के अंदाज में सांसदों को तो नहीं लताड़ा, लेकिन सदन के बाहर इतना अवश्य कहा कि ये गंभीर मुद्दा है, प्रश्नकाल लोकतंत्र का सार है।
गायब रहने वालों में कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, भाकपा, जद (यू) समेत कई पार्टियों के सांसद शामिल थे।
सदन के नेता प्रणव मुखर्जी व संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल आश्चर्यचकित देख रहे थे। पहला सवाल पूछने वाले सांसद हर्षवर्धन भी गैर-हाजिर ही थे। उसके बाद आए ग्रामीण मंत्रालय से जुड़े सवाल अवश्य पूरे हो गए। तीन सवालों के बाद मीरा कुमार एक-एक कर सवाल पूछने वाले बाकी सांसदों के नाम पुकारती रहीं। एक सवाल पूछने के लिए दो-दो सांसदों के नाम शामिल थे। लेकिन 17 सवालों को पूछने वाले सांसद सदन से नदारद थे। इस अजीबोगरीब स्थिति के कारण मीरा कुमार को 11 बजकर 27 मिनिट पर ही प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। यह 12 बजे तक चलता है। किसी सांसद ने अनुपस्थिति की पूर्वसूचना भी नहीं दी थी।
इनसे जुड़े थे 20 सवाल :
वाणिज्य और उद्योग, संचार, रक्षा, श्रम, रोजगार, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सामाजिक न्याय मंत्रालय
ये नहीं थे मौजूद
वरुण गांधी (भाजपा), श्रुति चौधरी, मधु गौड यक्षी, एकनाथ गायकवाड़, बी झांसी लक्ष्मी (सभी कांग्रेस), आनंद राव अडसुल, शिवाजी ए पाटील, (शिवसेना) प्रबोध पांडा (भाकपा), राजीव रंजन सिंह (जदयू), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) पीटी थामस, राधा मोहन सिंह, अहीर विक्रम भाई
‘लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की गैर मौजूदगी के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्रणा समिति में विचार किया जाएगा।’
सांसदों के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये से आहत कुमार ने पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के अंदाज में सांसदों को तो नहीं लताड़ा, लेकिन सदन के बाहर इतना अवश्य कहा कि ये गंभीर मुद्दा है, प्रश्नकाल लोकतंत्र का सार है।
गायब रहने वालों में कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, भाकपा, जद (यू) समेत कई पार्टियों के सांसद शामिल थे।
सदन के नेता प्रणव मुखर्जी व संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल आश्चर्यचकित देख रहे थे। पहला सवाल पूछने वाले सांसद हर्षवर्धन भी गैर-हाजिर ही थे। उसके बाद आए ग्रामीण मंत्रालय से जुड़े सवाल अवश्य पूरे हो गए। तीन सवालों के बाद मीरा कुमार एक-एक कर सवाल पूछने वाले बाकी सांसदों के नाम पुकारती रहीं। एक सवाल पूछने के लिए दो-दो सांसदों के नाम शामिल थे। लेकिन 17 सवालों को पूछने वाले सांसद सदन से नदारद थे। इस अजीबोगरीब स्थिति के कारण मीरा कुमार को 11 बजकर 27 मिनिट पर ही प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। यह 12 बजे तक चलता है। किसी सांसद ने अनुपस्थिति की पूर्वसूचना भी नहीं दी थी।
इनसे जुड़े थे 20 सवाल :
वाणिज्य और उद्योग, संचार, रक्षा, श्रम, रोजगार, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सामाजिक न्याय मंत्रालय
ये नहीं थे मौजूद
वरुण गांधी (भाजपा), श्रुति चौधरी, मधु गौड यक्षी, एकनाथ गायकवाड़, बी झांसी लक्ष्मी (सभी कांग्रेस), आनंद राव अडसुल, शिवाजी ए पाटील, (शिवसेना) प्रबोध पांडा (भाकपा), राजीव रंजन सिंह (जदयू), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) पीटी थामस, राधा मोहन सिंह, अहीर विक्रम भाई
‘लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की गैर मौजूदगी के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्रणा समिति में विचार किया जाएगा।’
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