राजस्थान हाईकोर्ट की वृहदपीठ ने राज्य के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह कमेटी की ओर से सुझाई प्रक्रिया के अनुसार कराने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने हिंसा मुक्त और अच्छे वातावरण में चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों को चुनाव से पूर्व कानून और नियमों में जरूरी बदलाव करने को कहा है।
सरकार ने स्वीकारी रिपोर्टन्यायाधीश के.एस. राठौड, प्रकाश टाटिया व संगीत लोढा की वृहदपीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला हाईकोर्ट की दो अलग अलग खण्डपीठों के निर्णयों से उत्पन्न विवाद का पटाक्षेप करते हुए सुनाया है। फैसले में कहा गया है कि सरकार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराना चाहती है, जिस पर न्यायालय सहमत है। साथ ही वृहदपीठ ने खण्डपीठों के 5 मई 05 तथा 13 मई 05 को दिए आदेश निरस्त कर दिए। वृहदपीठ ने कहा कि मुख्यपीठ की खण्डपीठ के निर्णय उसके क्षेत्राधिकार के 17 जिलों व जयपुर पीठ का निर्णय उनके 17 जिलों के क्षेत्राधिकार पर लागू नहीं होगा।
इन पर था विवादराज्य की उ“ा शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव के सम्बंध में हाईकोर्ट की जयपुर स्थित पीठ की एक खण्डपीठ ने 5 मई को मेरिट में आए विद्यार्थियों में से छात्रसंघ पदाधिकारी मनोनीत करने की व्यवस्था दी थी। जबकि जोधपुर स्थित मुख्यपीठ की एक खण्डपीठ ने एक अन्य जनहित याचिका पर तीनों विश्वविद्यालयों व उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छात्रसंघ चुनाव कराने का आदेश दिया था। यह आदेश मुख्यपीठ के क्षेत्राधिकार वाले 17 जिलों के लिए दिया गया था।
फैसला वृहदपीठ पर छोडा थादोनों खण्डपीठों के विरोधाभासी फैसलों पर 18 मई 05 को न्यायाधीश एन.एन. माथुर व माणक मोहता की खण्डपीठ ने चुनाव के आधार को निर्धारित करने के लिए मामला वृहदपीठ को भेजा था। मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला ने गत माह वृहदपीठ का गठन कर मामले को सुनवाई में लगाने का आदेश दिया था। वृहदपीठ ने सभी याचिकाएं 5 दिसम्बर को निस्तारित कर दी थीं।
सरकार ने स्वीकारी रिपोर्टन्यायाधीश के.एस. राठौड, प्रकाश टाटिया व संगीत लोढा की वृहदपीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला हाईकोर्ट की दो अलग अलग खण्डपीठों के निर्णयों से उत्पन्न विवाद का पटाक्षेप करते हुए सुनाया है। फैसले में कहा गया है कि सरकार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराना चाहती है, जिस पर न्यायालय सहमत है। साथ ही वृहदपीठ ने खण्डपीठों के 5 मई 05 तथा 13 मई 05 को दिए आदेश निरस्त कर दिए। वृहदपीठ ने कहा कि मुख्यपीठ की खण्डपीठ के निर्णय उसके क्षेत्राधिकार के 17 जिलों व जयपुर पीठ का निर्णय उनके 17 जिलों के क्षेत्राधिकार पर लागू नहीं होगा।
इन पर था विवादराज्य की उ“ा शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव के सम्बंध में हाईकोर्ट की जयपुर स्थित पीठ की एक खण्डपीठ ने 5 मई को मेरिट में आए विद्यार्थियों में से छात्रसंघ पदाधिकारी मनोनीत करने की व्यवस्था दी थी। जबकि जोधपुर स्थित मुख्यपीठ की एक खण्डपीठ ने एक अन्य जनहित याचिका पर तीनों विश्वविद्यालयों व उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छात्रसंघ चुनाव कराने का आदेश दिया था। यह आदेश मुख्यपीठ के क्षेत्राधिकार वाले 17 जिलों के लिए दिया गया था।
फैसला वृहदपीठ पर छोडा थादोनों खण्डपीठों के विरोधाभासी फैसलों पर 18 मई 05 को न्यायाधीश एन.एन. माथुर व माणक मोहता की खण्डपीठ ने चुनाव के आधार को निर्धारित करने के लिए मामला वृहदपीठ को भेजा था। मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला ने गत माह वृहदपीठ का गठन कर मामले को सुनवाई में लगाने का आदेश दिया था। वृहदपीठ ने सभी याचिकाएं 5 दिसम्बर को निस्तारित कर दी थीं।
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