Sunday, December 13, 2009

आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अटकलें

हैदराबाद। पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर जारी हिंसा के चलते आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अटकलें लगाई जा रही हैं। विधायकों और मंत्रियों की ओर से इस्तीफों की पेशकश से उत्पन्न हालात पर नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है। इस बीच, विजयवाडा से कांग्रेसी सांसद एल. राजगोपाल ने रविवार को दावा किया कि राज्य विधानसभा के 294 सदस्यों में से 225 पृथक तेलंगाना गठन के प्रस्ताव के विरोध में वोट देंगे।
सूत्रों के मुताबिक अगर तटीय आन्ध्र, रायलसीमा के 20 मंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो मुख्यमंत्री के. रोसैया के सामने सरकार प्रभावी ढंग से चलाने का संकट उत्पन्न हो जाएगा। पहले ही इन दोनों इलाकों के 130 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। आन्ध्र केबिनेट में रोसैया को मिलाकर कुल 34 मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि अगले एक दो दिन में विधानसभा को सस्पेंडेड एनीमेशन में रख कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। दिल्ली में कांग्रेस नेता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की रजामंदी का इंतजार कर रहे हैं।
मंत्री नरम पडेराष्ट्रपति शासन की आशंका के चलते इस्तीफे की पेशकश करने वाले तटीय आन्ध्र व रायलसीमा क्षेत्र के 20 मंत्रियों के तेवर नरम पड गए हैं। ये मंत्री रोसैया से बातचीत को तैयार हो गए हैं।
विरोध में हिंसा जारीपृथक तेलंगाना के विरोध में रविवार को प्रदर्शनकारियों ने सडक और रेलमार्गो को जाम किया। अनन्तपुर जिले में भारतीय तेल निगम के कार्यालय पर हमला कर टैंकरों को क्षति पहुंचाई। प्रदर्शन के कारण सरकारी बसें नहीं चली। बंद व हिंसा के कारण तटीय आन्ध्र के 9 और रायलसीमा क्षेत्र के 4 जिलों में जनजीवन बाधित हुआ है।
माया का पृथक पूर्वाचल रागलखनऊ। उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अब रविवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर अलग से पूर्वाचल राज्य गठित करने के लिए सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केन्द्र से सहमति प्राप्त होते ही राज्य सरकार विधानसभा से पूर्वाचल के गठन का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र को भिजवा देगी।
फैसला जनता करेइंदौर। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि ऎसे मामलों पर फैसले से पहले क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। छोटे राज्यों के सन्दर्भ में फैसला करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां के लोग क्या चाहते हैं। उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा, यह वहां के लोगों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।

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