जलवायु परिवर्तन पर जनजागरुकता के तहत मालदीव में सागर में और नेपाल में माऊंट एवरेस्ट पर मंत्निमंडलीय बैठकों के अभिनव प्रयोग के बाद गुजरात में भी रन्न आफकच्छ के रेगिस्तानी इलाके में राज्य सरकार का चार दिवसीय चितंन शिविर आज संपन्न हुआ।शिविर का आज चौथा और अंतिम दिन था जिसमें मुख्यमंत्नी समेत मंत्निमंडल के सभी सदस्यों और नौकरशाहों ने हिस्सा लिया। इन सबको रेगिस्तान में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के अद्भुत नजारे देखने का अवसर मिला है। शिविर को पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने संबोधित किया और गुजरात के मंत्नियों और नौकरशाहों को प्रशासन और जलवायु परिवर्तन की बारीकियां बतायीं।शिविर में प्रशासन को दुरस्त करने के लिए सामूहिक चर्चा और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के विश्लेषण के साथ ही अधिकारियों को अपना कौशल सुधारने पर बल दिया गया।मुख्यमंत्नी नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इसतरह का यह छठा वार्षिक आयोजन है जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 170 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मोदी ने जलवायु परिवर्तन विषय वाले इस विशेष सत्न की तुलना मालदीव में मंत्निमंडल की पानी में और नेपाल में मंत्निमंडल की माऊंट एवरेस्ट पर हुई बैठकों से की है। मोदी सरकार के दौरान ही गुजरात में इस वर्ष के प्रारंभ में जलवायु परिवर्तन नामक अलग विभाग की स्थापना हुई और इसकी चहुंओर सराहना हुई।
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