तेलंगाना मुद्दे पर इस क्षेत्र के मंत्रियों के बीच गुरुवार को मतभेद साफ उभरते दिखे, क्योंकि इनमें से दो मंत्रियों ने अपने इस्तीफे वापस नहीं करने का फैसला किया। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई टाल-मटोल नहीं है। आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों की 5 जनवरी को होने वाली बैठक इस समस्या को सुलझाने के लिए और रोडमैप विकसित करने के लिहाज से है। उधर, बीजेपी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने के सरकार के फैसले पर कहा कि कांग्रेस पहले इस मुद्दे पर अपने भीतर के मतभेद दूर करे। दूसरी ओर, अलग तेलंगाना के समर्थन में टी. विनोद कुमार नामक एक होमगार्ड ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पार्टी सूत्रों ने कहा कि उच्चशिक्षा मंत्री डी. श्रीधर बाबू और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कोमती रेड्डी वेंकट रेड्डी ने अपने 11 सहयोगियों के कदमों पर नहीं चलने का फैसला किया है। उनका मानना है कि अलग राज्य के मुद्दे पर कोई ठोस परिणाम नहीं आया है। हालांकि अन्य मंत्रियों ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी से इनकार किया और राज्य के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. श्रीनिवास ने दावा किया कि क्षेत्र के सभी 13 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे वापस ले लिए हैं। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने 23 दिसंबर को तेलंगाना मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करने की घोषणा की थी जिसके बाद 13 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दे दिए थे। उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। इससे पहले 9 दिसंबर को उन्होंने कहा था कि तेलंगाना निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य की सूचना मंत्री गीता रेड्डी ने कहा कि जब हम सभी ने पीसीसी अध्यक्ष डी. श्रीनिवास के आवास पर मुलाकात की थी, हमने अपना इस्तीफा वापस लेने का निर्णय किया क्योंकि केंद ने 5 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाकर अलग तेलंगाना राज्य बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
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