लोकसभा के पिछले शुक्रवार को संपन्न शीतकालीन सत्र में ज्यादातर युवा सांसदों ने अपनी मौजूदगी से संसदीय जिम्मेदारियों के प्रति उत्साह दिखाया जबकि लोकसभा के इस सत्र में 116 सदस्य ऐसे भी थे जिनकी उपस्थिति 50 प्रतिशत या उससे कम दर्ज की गई।राहुल गाँधी की युवा ब्रिगेड की सदन में उपस्थिति काफी अच्छी रही। संदीप दीक्षित ने सत्र की सभी 20 बैठकों में हिस्सा लिया जबकि अजहरूद्दीन ने 18, संजय निरूपम ने 19, मिलिंद देवड़ा ने 19, ज्योति मिर्धा 17, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा 17, प्रिया दत्त 14 तथा नवीन जिंदल ने लोकसभा की 20 में से 14 बैठकों में हिस्सा लिया।हालाँकि, 19 नवंबर 2009 को शुरू संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की 20 बैठकों में से राहुल गाँधी 10 में उपस्थित रहे। जबकि भाजपा के नए फायर ब्रांड वरूण गाँधी ने 15 बैठकों में हिस्सा लिया। इस अनुपस्थिति की वजह राजनैतिक दौरे भी हैं।संसद के इस सत्र में कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के युवा सांसदों ने भी सदन की बैठकों में काफी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया हालाँकि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति बहुत अधिक उत्साहवर्धक नहीं रही। लालू प्रसाद, अजीत सिंह, एच डी देवगौड़ा, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह, कल्याण सिंह और भजन लाल जैसे नेताओं की उपस्थिति काफी कम रही।भजन लाल बीमारी के कारण काफी समय अस्पताल में रहे जबकि लालू प्रसाद और यशवंत सिन्हा जैसे नेता झारखंड में चुनावी व्यस्तताओं के कारण सदन में कम दिखे।कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के युवाओं में जद यू के राजीव रंजन सिंह लल्लन ने सत्र की सभी 20 बैठकों में हिस्सा लिया जबकि भाजपा के अनुराग सिंह ठाकुर 18 और दुष्यंत सिंह 16 बैठकों में उपस्थित रहे।तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय 19 बैठक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले 17 और समीर भुजबल 15 बैठकों में उपस्थित रहे। समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह के लोकसभा की 20 बैठकों में से 15 दिन उपस्थिति रहने की तुलना में उनके पुत्र अखिलेश यादव केवल आठ बैठकों में उपस्थित रहे। हालाँकि रालोद प्रमुख अजीत सिंह के नौ बैठकों में उपस्थित रहने की तुलना में उनके पु़त्र जयंत चौधरी 16 बैठकों में मौजूद रहे।दूसरी ओर पूर्व क्रिकेटर और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू की आठ और सपा नेत्री जयाप्रदा की पाँच बैठकों में मौजूदगी दर्ज की गई।लोकसभा की उपस्थिति रजिस्टर के आँकड़ों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की मौजूदगी आठ दिन, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ की 12 दिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद चार दिन, जदयू अध्यक्ष शरद यादव की 15 दिन, जद एस प्रमुख एच डी देवगौड़ा की 10 दिन रही तथा बाबूलाल मरांडी ने एक बैठक में उपस्थिति दर्ज कराई। इसका एक कारण झारखंड चुनाव और राजनैतिक यात्रा बताया जा रहा है। भाजपा के यशवंत सिन्हा ने चार बैठकों में हिस्सा लिया जबकि भाजपा से निष्काषित जसवंत सिंह ने आठ, निर्दलीय कल्याण सिंह चार और भजन लाल छह बैठक में उपस्थिति रहे।विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं में हालाँकि लोकसभा में भाजपा की उपनेता से विपक्ष की नेता बनी सुषमा स्वराज 20 बैठकों में 19 में, मुरली मनोहर जोशी 14 और शाहनवाज हुसैन सभी 20 बैठकों में शामिल रहे। राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह 19, बीजद के अर्जुन चरण सेठी 20, मेनका गाँधी 16, दिग्विजय सिंह 18, गुरूदास दासगुप्ता 20 बैठकों में शामिल रहे। सदन के चलन के अनुसार मंत्री या मंत्री स्तरीय सदस्य
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