Wednesday, March 10, 2010

सांसदों के निलंबन पर हंगामा

महिला आरक्षण बिल पर विरोध के दौरान राज्यसभा में गैर संसदीय अचारण अपनाते हुए सभापति हामिद अंसारी के साथ हाथापाई करने के कारण निलंबित हुए सातों सांसदों का निलंबन वापस हो सकता है। समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी निलंबन वापसी का प्रस्ताव लाए जाने का समर्थन किया है। यदि ये सांसद हामिद अंसारी से माफी मांग लेते हैं तो इन सांसदों का निलंबन वापस हो सकता है।
इससे पहले राज्यसभा से निष्कासित पार्टी के सांसदों का निलंबन वापस लेने के मांग करते हुए सपा और राजद ने आज सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। सपा नेता रामगोपाल यादव ने सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी से सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उनकी पार्टी संसद का बहिष्कार करेगी। सपा के बाद राजद सांसदों ने भी राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। सपा व राजद सांसद कल राज्यसभा में मार्शल बुलाए जाने और उनके सांसदों को जबरन निकाले जाने से भी नाराज हैं।
'माफी नहीं मागूंगा'वहीं, निलंबित सांसद कमाल अख्तर और नंदकिशोर यादव ने दो टूक शब्दों में कहा है कि माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि 'हमारा निलंबन वापस हो या नहीं, पर हम माफी नहीं मांगेंगे।' कमाल अख्तर ने कहा कि जिस तरह से उन्हें मार्शल बुलाकर उन्हें सदन से बाहर निकाला गया उसके लिए सरकार को उनसे माफी मांगनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को महिला आरक्षण बिल का विरोध कर रहे सपा और राजद सांसदों ने सदन की मर्यादा को ताक पर रखते हुए सभापति हामिद अंसारी से बिल की प्रतियां छीनकर फाड दी थी। संसद को शर्मसार करने वाले इस गैर संसदीय व्यवहार के लिए सपा, राजद और जदयू के सात सांसदों को कल राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।

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