बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि मैं राजनीति में चुनाव जीत
ने या सत्ता हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने लोगों के सम्मान की रक्षा करने आया हूं। वरुण ने सहारनपुर में एक विशाल रैली में उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रतापगढ़ में मात्र 20 रुपये, मामूली कपडे़, कुछ मिठाई और बर्तन के लिए 65 लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन पांच करोड़ और 10 करोड़ की माला पहनने वाली मायावती के पास उन गरीबों को देने के लिए मुआवजे की राशि तक का इंतजाम नहीं है। वरुण ने कहा, 'इस मंच से मैं मायावती के खिलाफ नहीं बोलूंगा, क्योंकि चुनाव में उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया था। हमारा समय आने पर उन्हें उससे ज्यादा प्यार और सम्मान दिया जाएगा।'
बीजेपी सांसद ने कहा कि हमारे ऊपर आज यह जिम्मेदारी है कि हम अमीरों के बजाय आम परिवारों के नौजवानों को उनका सम्मान दिलाएं। उन्होंने सलाह दी कि यदि नौजवानों को लंबे समय के लिए कर्ज दिया जाए तो वह विभिन्न व्यवसायों को अपना कर अपने सपनों को सफल कर सकते हैं। गांधी ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि कपडे़ और अन्य सामान का व्यापार करने वाला व्यापारी जब स्वयं सामान का रेट तय करता है तो किसान को भी उसकी फसल का रेट खुद तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने गोहत्या को साम्प्रदायिक पाप और कानूनी जुर्म मानते हुए कहा कि गोहत्या केवल हिन्दुओं से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है।
ने या सत्ता हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने लोगों के सम्मान की रक्षा करने आया हूं। वरुण ने सहारनपुर में एक विशाल रैली में उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रतापगढ़ में मात्र 20 रुपये, मामूली कपडे़, कुछ मिठाई और बर्तन के लिए 65 लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन पांच करोड़ और 10 करोड़ की माला पहनने वाली मायावती के पास उन गरीबों को देने के लिए मुआवजे की राशि तक का इंतजाम नहीं है। वरुण ने कहा, 'इस मंच से मैं मायावती के खिलाफ नहीं बोलूंगा, क्योंकि चुनाव में उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया था। हमारा समय आने पर उन्हें उससे ज्यादा प्यार और सम्मान दिया जाएगा।'
बीजेपी सांसद ने कहा कि हमारे ऊपर आज यह जिम्मेदारी है कि हम अमीरों के बजाय आम परिवारों के नौजवानों को उनका सम्मान दिलाएं। उन्होंने सलाह दी कि यदि नौजवानों को लंबे समय के लिए कर्ज दिया जाए तो वह विभिन्न व्यवसायों को अपना कर अपने सपनों को सफल कर सकते हैं। गांधी ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि कपडे़ और अन्य सामान का व्यापार करने वाला व्यापारी जब स्वयं सामान का रेट तय करता है तो किसान को भी उसकी फसल का रेट खुद तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने गोहत्या को साम्प्रदायिक पाप और कानूनी जुर्म मानते हुए कहा कि गोहत्या केवल हिन्दुओं से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है।
No comments:
Post a Comment