आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी को झटका देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बुध
वार को उनके आग्रह को खारिज कर दिया और उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई का फैसला किया जिसने खुद को तिवारी का बेटा बताया है। जस्टिस विक्रमजीत सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने 84 वर्षीय कांग्रेस नेता के उस आग्रह को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने मामले को इस आधार पर खारिज करने की अपील की थी कि याचिकाकर्ता ने पैदा होने के 31 साल बाद याचिका दायर की। कोर्ट ने सिंगल बेंच के उस फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें लॉ ग्रैजुएट रोहित शेखर द्वारा दायर पितृत्ववाद को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि यह स्वीकार योग्य नहीं है।
बेंच ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे 7 अप्रैल को एकल न्यायाधीश के समक्ष पेश हों जब मामले में गुण दोष के आधार पर सुनवाई होगी। तिवारी को उस समय आंध्र प्रदेश के राज्यपाल का पद छोड़ना पड़ा था जब उन्हें एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया।
No comments:
Post a Comment