कुछ सांसद साइकल से संसद आना चाहते हैं और संसद सिक्युरिटी उन्हें इसकी इजाजत देने को तैयार ह
ै। यह कदम राजनीतिज्ञों के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को नया आयाम दे सकता है। सुरक्षा अधिकारियों की राय है कि फोर वीलर के लिए बने सिस्टम को साइकल के अनुरूप तैयार करने में बहुत मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। सूत्रों ने कहा कि साइकल को अंदर आने की इजाजत देने के पहले सिक्युरिटी स्टाफ को सिर्फ सांसदों की पहचान करनी पड़ेगी। अधिकारी साइकलों के लिए पार्किंग स्लॉट की तलाश कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सांसद के लिए रजिस्टर्ड कार की पहचान के लिए दिया जाने वाला 'आरएफ टैग' साइकल के मामले में लागू हो, यह जरूरी नहीं है। साइकलों की सुरक्षा जांच की जा सकती है। साइक्लिंग का यह अनुभव भले ही कुछ सांसदों के लिए नया हो, लेकिन इससे क्लाइमेट चेंज के बारे में जागरूकता तो पैदा होगी ही। हाल में कुछ सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इस बारे में अनुरोध किया था। लोकसभा अध्यक्ष को यह आइडिया पसंद आया और उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने टीओआई से कहा कि अभी कुछ सांसद ही इसके लिए आगे आए हैं, लेकिन यह असरदार होगा। हालांकि यह प्रतीकात्मक है, लेकिन जागरूकता बढ़ाने में प्रतीक बड़ी भूमिका निभाते हैं। कटक से बीजेडी के सांसद भ्रतृहरि माहताब ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सांसद हफ्ते में कम से कम एक दिन संसद आएंगे।
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