भाजपा ने भी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की तर्ज पर दलितों के कल्याण से जुडे मामलों को पार्टी के प्रमुख एजेण्डे में शामिल कर लिया है। इतना ही नहीं, अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिण की बैठक में अपने पहले अध्यक्षीय भाषण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तुलना मार्टिन लूथर किंग जूनियर से की। गडकरी ने कहा कि 'दलितों का मुद्दा हमारी राजनीतिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
पुराने तेवर पाने को बेताब पार्टी ने साफ किया है कि अब वह महंगाई और आतंकवाद के खिलाफ सडक पर संघर्ष करेगी। पार्टी की पुरानी पीढी से नई पीढी के बीच नेतृत्व परिवर्तन की गवाह बनी राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में आतंकवाद, नक्सलवाद, महंगाई, कश्मीर, पाकिस्तान और चीन का मुद्दा छाया रहा। संगठनात्मक मुद्दों पर भी मुखरता नजर आई।
वार्ता अमरीकी दबाव में पाकिस्तान के साथ वार्ता की केन्द्र सरकार की पेशकश की आलोचना करते हुए गडकरी ने कहा यह वार्ता अमरीका के दबाव में हो रही है। आंतक की ट्रेनिंग ले चुके लोगों की वापसी की बात कही जा रही है। ये हरकतें कश्मीर पर भारत के नियंत्रण को कमजोर करने वाली हैं। गडकरी ने कहा कि आंतकवाद का मुकाबला वोट बैंक की राजनीति से उपर उठकर ही किया जा सकता है। चीन और पाक की तरफ से बढते खतरे की तरफ आगाह करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गहरा कूटनीतिक सामरिक गठबंधन बन रहा है और इस काम में नेपाल का भी इस्तेमाल हो रहा है। गडकरी ने पार्टीजनों को कई नसीहतें दी और महंगाई-आंतकवाद के खिलाफ सडक पर संघर्ष का आह्वान भी किया।
आज से राष्ट्रीय परिषद की बैठक 18 फरवरी से पार्टी की राष्ट्रीय परिषद बैठक शुरू हो जाएगी। बुधवार को कार्यकारिणी की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, वैंकेया नायडू, नरेंद्र मोदी, शिवराजसिंह चौहान सहित देशभर के ढाई सौ से ज्यादा दिग्गज नेता शामिल हुए। इस बैठक में गडकरी की ताजपोशी की विधिवत प्रक्रिया पूरी होगी।
सरकार नहीं बनी, मेरी विफलता- राजनाथबैठक में राजनाथसिंह ने विदाई भाषण दिया। उन्होंने स्वीकारा कि केंद्र में सरकार नहीं बन पाना मेरे कार्यकाल की सबसे बडी विफलता है। लोकसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण की लडाई की गेंद उन्होंने गडकरी के पाले में डाली।
पुराने तेवर पाने को बेताब पार्टी ने साफ किया है कि अब वह महंगाई और आतंकवाद के खिलाफ सडक पर संघर्ष करेगी। पार्टी की पुरानी पीढी से नई पीढी के बीच नेतृत्व परिवर्तन की गवाह बनी राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में आतंकवाद, नक्सलवाद, महंगाई, कश्मीर, पाकिस्तान और चीन का मुद्दा छाया रहा। संगठनात्मक मुद्दों पर भी मुखरता नजर आई।
वार्ता अमरीकी दबाव में पाकिस्तान के साथ वार्ता की केन्द्र सरकार की पेशकश की आलोचना करते हुए गडकरी ने कहा यह वार्ता अमरीका के दबाव में हो रही है। आंतक की ट्रेनिंग ले चुके लोगों की वापसी की बात कही जा रही है। ये हरकतें कश्मीर पर भारत के नियंत्रण को कमजोर करने वाली हैं। गडकरी ने कहा कि आंतकवाद का मुकाबला वोट बैंक की राजनीति से उपर उठकर ही किया जा सकता है। चीन और पाक की तरफ से बढते खतरे की तरफ आगाह करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गहरा कूटनीतिक सामरिक गठबंधन बन रहा है और इस काम में नेपाल का भी इस्तेमाल हो रहा है। गडकरी ने पार्टीजनों को कई नसीहतें दी और महंगाई-आंतकवाद के खिलाफ सडक पर संघर्ष का आह्वान भी किया।
आज से राष्ट्रीय परिषद की बैठक 18 फरवरी से पार्टी की राष्ट्रीय परिषद बैठक शुरू हो जाएगी। बुधवार को कार्यकारिणी की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, वैंकेया नायडू, नरेंद्र मोदी, शिवराजसिंह चौहान सहित देशभर के ढाई सौ से ज्यादा दिग्गज नेता शामिल हुए। इस बैठक में गडकरी की ताजपोशी की विधिवत प्रक्रिया पूरी होगी।
सरकार नहीं बनी, मेरी विफलता- राजनाथबैठक में राजनाथसिंह ने विदाई भाषण दिया। उन्होंने स्वीकारा कि केंद्र में सरकार नहीं बन पाना मेरे कार्यकाल की सबसे बडी विफलता है। लोकसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण की लडाई की गेंद उन्होंने गडकरी के पाले में डाली।
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