Monday, February 8, 2010

प्रदेश में 'गुड गवर्नेस'

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 'गुड गवर्नेस' के लिए उद्योग एवं व्यापार जगत से करों के भुगतान और महंगाई कम करने के अलावा कई जरूरी मुद्दों पर सलाह मांगी है। मुख्यमंत्री आगामी बजट के बाबत सोमवार को आयोजित राज्य स्तरीय कर परामर्श दात्री समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान महंगाई, वैट प्रक्रिया के सरलीकरण, जीएसटी के बारे में उद्योग व व्यापार जगत के लोगों को अधिकाधिक जानकारी देने और उद्योग व निवेश नीति को शीघ्र घोषित करने के मुद्दे छाए रहे।
सार्थक होगा सिंगल विण्डो एक्टगहलोत ने प्रदेश में लाए जाने वाले सिंगल विण्डो एक्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसे सार्थक बनाने के लिए गहनता से काम किया जा रहा है। ताकि दुनिया के किसी भी कोने से प्रदेश में आने वाले व्यक्तियों के प्रस्तावों को पूरा सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय विद्युत उत्पादन नहीं बढने के कारण मौजूदा सरकार के आते ही विद्युत संकट शुरू हो गया।
उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक ने कहा कि आने वाला समय उद्योग एवं व्यापार जगत के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कोरीडोर राजस्थान के लिये अहम होगा और इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
अन्य अहम सुझाव- राज्य को औद्योगिक विकास की दृष्टि से विशेष दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाए- कच्चे माल पर लगने वाला प्रवेश शुल्क कम किया जाए- फार्म नम्बर 10 का सरलीकरण किया जाए- पर्यटन, शिक्षा एवं चिकित्सा पर्यटन को बढावा देने के लिए निवेश की आकर्षक नीति हो- चीनी पर प्रवेश शुल्क हटा दिया जाए- राज्य को सरसों उत्पादक राज्य घोषित किया जाए- गेहूं को एक प्रतिशत कर के दायरे में लाया जाए- हैण्डीक्राफ्ट आइटम से मंडी टैक्स घटाया जाए- खनन, निर्माण, फिल्म व्यवसाय को उद्योग का दर्जा दिया जाए- सारे इमारती पत्थरों की कर दर चार फीसदी की जाए- पेट्रोलियम कोक पर प्रवेश कर समाप्त किया जाए


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