Wednesday, February 3, 2010

आचार संहिता में लाखों की स्वीकृति

प्रदेश में जहां एक ओर पंचायती राज चुनाव की आचार संहिता लागू है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसी अवधि में छात्रावासों में अधीक्षक आवासों के लिए लाखों रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव द्वारा 15 जनवरी 2010 को जारी आदेश में नाबार्ड सहायता योजनान्तर्गत आयोजना मद में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के छात्रावासों अधीक्षकों के आवास निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2009-10 के लिए 1 करोड दो लाख रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। प्रदेश के 102 छात्रावासों में होने वाले इस निर्माण में प्रति छात्रावास पर 6 लाख 64 हजार रूपए खर्च होंगे। प्रारंभिक तौर पर प्रत्येक छात्रावास के लिए एक-एक लाख स्वीकृत किए गए हैं।
कहां कितने अधीक्षक आवास-योजना के तहत अलवर, धौलपुर, जैसलमेर, सीकर, बूंदी व बीकानेर के दो-दो, बारां के 9, बाडमेर व उदयपुर के 8, भीलवाडा व बांसवाडा के 6, चूरू, जालोर, नागौर, सवाई माधोपुर व राजसमंद में एक-एक, दौसा, सिरोही व श्रीगंगानगर के तीन-तीन, जयपुर, कोटा, अजमेर, डूंगरपुर व प्रतापगढ के चार-चार, झालावाड के आठ, जोधपुर व पाली के पांच-पांच छात्रावासों में अधीक्षक आवास बनाने के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसमें अनुसूचित जाति छात्रावासों में 60, जनजाति में 40 एवं अन्य पिछडा वर्ग के 2 छात्रावासों में अधीक्षक आवास बनेंगे।
यह न तो गांव को जोडते हैं और न ही कोई सैकडों लोगों का काम है। यह तो छात्रावास के अधीक्षक के कक्ष का निर्माण हैं। मेरे हिसाब से तो इस मामले में आचार संहिता आडे नहीं आनी चाहिए। यह आदेश कब जारी हुए। उसकी दिनांक याद नहीं आ रही।पी.एस.मेहरा, आयुक्त, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

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