Tuesday, February 9, 2010

कांग्रेस के निशाने पर फिर आए पवार

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के सामने शरद पवार के घुटने टेकने को लेकर असमंजस और हैरत में फंसी कांग्रेस ने महंगाई को लेकर एक बार फिर उन पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र में राकांपा का गृह मंत्री होने के बावजूद क्रिकेट खिलाडिय़ों की सुरक्षा के लिए पवार का ठाकरे से गुहार लगाना कांग्रेस को नागवार गुजरा है। जद-यू ने भी पवार-ठाकरे मुलाकात पर आपत्ति जताई है, पर राकांपा ने इसे सही ठहराया है। आईपीएल में आस्ट्रेलियाई खिलाडिय़ों को मुंबई में नहीं खेलने देने की शिवसेना की धमकी वापस लेने की गुहार लगाने के लिए पवार ने रविवार की रात ठाकरे से मुलाकात की थी। इसके एक दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मुंबई दौरे में शिवसेना को बैकफुट पर ला दिया था। ऐसे में केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में साझीदार राकांपा के मुखिया पवार के घुटने टेक देने से कांग्रेस असहज महसूस कर रही है। पार्टी इस मुलाकात का मकसद भी नहीं समझ रही है। वह हैरान है कि यदि वाकई क्रिकेट खिलाडिय़ों की सुरक्षा का ही मामला था तो महाराष्ट्र की कांग्रेस-राकांपा सरकार में गृह मंत्री राकांपा का ही है। तो क्या पवार को अपनी ही पार्टी और सरकार के गृह मंत्री पर भरोसा नहीं है? हालांकि खुल कर कांग्रेस इस तरह के सवाल नहीं उठा रही है। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मंगलवार को इस मामले में सिर्फ यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि राकांपा से कांग्रेस के राजनीतिक रिश्ते हैं। केंद्र और महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा मिलकर सरकार चला रही है। इससे अलग कौन किससे मिलता है, उसका जवाब मिलने वाला ही दे सकता है। पर उन्होंने महंगाई के मामले में जरूर पवार पर ही ठीकरा फोड़ा। वह बोले कि महंगाई का मामला पवार के मंत्रालय से जुड़ा है तो इस बारे में सवाल भी उन्हीं से होंगे। ठाकरे-पवार मुलाकात पर कांग्रेस भले ही खुल कर नहीं बोले, लेकिन जद-यू ने ठाकरे से माफी की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री की इस मुलाकात से यह संदेश गया कि बाल ठाकरे सरकार से भी ऊपर हैं। लिहाजा पवार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और प्रधानमंत्री को भी उन्हें अपने मंत्रिमंडल में बनाए रखने पर विचार करना चाहिए। लेकिन राकांपा ने यह कह कर मुलाकात को जायज ठहराया है कि लोकतंत्र में बात-मुलाकात काफी अहमियत रखती है। राकांपा प्रवक्ता डी.पी. त्रिपाठी ने कहा कि पवार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष शशांक मनोहर के साथ ठाकरे से आस्ट्रेलियाई खिलाडिय़ों के खिलाफ धमकी वापस लेने की अपील करने गए थे। लोकतंत्र में हम लोगों को बातचीत से ही अपनी बात मनवाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने मुंबई में कहा कि राज्य में सरकार से इतर, किसी से भी इस तरह की अपील की कोई जरूरत नहीं है। सरकार आस्ट्रेलियाई खिलाडिय़ों

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