महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे हिटलर और महात्मा गांधी, दोनों से कैसे प्रेरित हैं, इसका जवाब यह है कि दोनों नेताओं ने समाज को हिलाकर रख दिया और एक तरह से नया हल्लाबोल पैदा किया। एमएनएस की आधिकारिक वेबसाइट तो यही कहती है। हालांकि सोमवार को महाराष्ट्र असेंबली में जो दिखा वह फ्यूरर की प्रेरणा से था। गौरतलब है कि हिटलर जब जर्मनी का नेता चुना गया तो उसे फ्यूरर कहा जाने लगा था। वेबसाइट में कई सारे रोचक सवाल-जवाबों का मिश्रण है। जैसे कि सवाल पूछा गया है कि जब आप अहिंसा के पुजारी गांधी को मानते हैं, तो आपके अनुयायी हिंसक क्यों होते हैं? इसके
जवाब में कहा गया कि आपको अपने विपक्षियों से उसी भाषा में बात करने की जरूरत होती है, जो वह महसूस करते हैं। राज यह जवाब देकर अपने लोगों को यही बताना चाहते हैं कि आजमी हिंसा की भाषा ही समझते हैं। हिटलर के लोगों ने यहूदियों और उन लोगों का दमन किया जिन्होंने हिटलर का विरोध किया। एमएनएस ने जबसे उत्तर-भारतीयों के खिलाफ हल्ला बोला, तबसे ही राज और आजमी एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। 2005 में एक इंटरव्यू में राज ने कहा था कि यहूदियो के दमन को छोड़ दें तो हिटलर में कई ऐसी खासियत रही हैं, जिन्हें किसी भी नेता को अपनाना चाहिए।
जवाब में कहा गया कि आपको अपने विपक्षियों से उसी भाषा में बात करने की जरूरत होती है, जो वह महसूस करते हैं। राज यह जवाब देकर अपने लोगों को यही बताना चाहते हैं कि आजमी हिंसा की भाषा ही समझते हैं। हिटलर के लोगों ने यहूदियों और उन लोगों का दमन किया जिन्होंने हिटलर का विरोध किया। एमएनएस ने जबसे उत्तर-भारतीयों के खिलाफ हल्ला बोला, तबसे ही राज और आजमी एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। 2005 में एक इंटरव्यू में राज ने कहा था कि यहूदियो के दमन को छोड़ दें तो हिटलर में कई ऐसी खासियत रही हैं, जिन्हें किसी भी नेता को अपनाना चाहिए।
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