उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने महंगाई से बेहाल प्रदेश की जनता को तत्काल राहत दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दिन पर दिन बढ़ रही कीमतों के लिए केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि आम जनता को रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं सस्ती दरों पर मुहैया कराई जाएं। उन्होंने तमाम विभाग के अफसरों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश खासतौर पर दिए। वहीं उन्होंने किसानों को बाजार मूल्य के हिसाब से गन्ने की उचित कीमत दिलाने का भी निर्देश दिया। मायावती ने महंगाई के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो से आवश्यक घरेलू वस्तुएं नियंत्रित मूल्यों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि पब्लिक को जीवन-यापन में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। निगम राज्य के 100 जिला अस्पतालों में दवाओं की बिक्री करेगा। इससे निगम को हर महीने लगभग 15 लाख रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है। 7 जनपदों में निगम के 61 डिपो में अरहर की दाल व चीनी की बिक्री की जा रही है। उप्र में कर्मचारी कल्याण निगम के 140 डिपो तथा 23 विस्तार पटल है। उन्होंने बताया कि यूपी कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो ने अक्टूबर के अंत तक लगभग 53 करोड़ की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री कर 4 करोड़ 50 लाख का मुनाफा कमाया है। निगम अपने बिजनेस पार्टनर की मदद से प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों में दवा का कारोबार कर रहा है। मायावती ने बताया कि 2009 में कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा 12.96 करोड़ की लागत से दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति की गई। इसके अतिरिक्त निगम द्वारा बाल विकास एवं पुष्टाहार, सर्व शिक्षा अभियान तथा नरेगा में भी यथासंभव सहयोग किया गया। इस वर्ष अब तक निगम द्वारा इन विभागों को 9.21 करोड़ रुपये की सामग्री की आपूर्ति की जा चुकी है, जिससे निगम को 18 लाख का मुनाफा हुआ है।
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