सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की उस अपील को खारिज कर दिया जिसके तहत लखनऊ में 26 अरब रुपये की लागत वाले विवादास्पद आंबेडकर स्थल में रखरखाव और कुछ दूसरे काम जारी रखने की इजाजत मांगी गई थी। 6 दिसंबर को डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि को देखते हुए सरकार ने यह दलील दी है। जस्टिस एच. एस. बेदी और जे. एम. पंचाल ने पाया कि राज्य सरकार को राहत देने के लिए हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गौरतलब है कि कोर्ट ने इससे पहले, इस जगह पर राज्य सरकार की किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी थी। कोर्ट का कहना है कि, इस मुद्दे से जुड़ा मुख्य मामला जब 30 नवंबर को सामने आएगा, तब वह गुणदोष के आधार पर इसकी जांच करेगा। अपीलकर्ता मिथलेश कुमार सिंह और गोमती नगर संस्था की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने इस तरह की किसी भी राहत का विरोध किया था। उनका कहना था कि राज्य सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पहले ही इस जगह पर निर्माण कार्य नहीं करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट को दिया वादा तोड़ चुकी है।
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