लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने आज कहा कि संसद के समक्ष विश्वसनीयता का गंभीर संकट है और उन्होंने दुख जताया कि संसद के चरित्र और योग्यता में धीरे-धीरे गिर रही है। चटर्जी ने यहां 22वें जवाहरलाल नेहरू स्मृति इफ्को व्याख्यान में कहा, 'राजनीति की केंद्र और हमारी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक संसद आज विश्वसनीयता और भरोसे के गंभीर संकट का सामना कर रही है।' उन्होंने कहा, 'लोकसभा के पूर्व पीठासीन अधिकारी और करीब चार दशक तक सदन से जुड़े रहे पूर्व सदस्य के तौर पर मुझे यह अत्यंत पीड़ा के साथ स्वीकार करना होगा कि समग्र मंच और महान संस्था के रूप में संसद के चरित्र और योज्ञता में धीरे-धीरे गिरावट हुई है।'
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